न इनाम की घोषणा, ना गिरफ्तारी के लिए कयावद.. कौन दे रहा माफिया को सरक्षण
गजब विडंबना है सब हमारे शहडोल में.. नगर के बाईपास स्थित कबाड़ के एक ठीहे पर हथियारबंद हिस्ट्रीशीटर घुसते है लूट की वारदात को अंजाम देते हैं उन्हें गिरफ्तार भी किया जाता है पर पहन के पीछे से गाड़ी की लालच में इस घटना को अंजाम देने वाले माफिया पर रहमत क्यों यह समझ से परे है..!! विद्युत तार चोरी मामले में तड़ीपार से लौटे कबाड़ माफिया को मुजरिम बनाया जाता है लेकिन गिरफ्तारी नहीं होती। पुलिस रिकॉर्ड में फरार आरोपी शहर के चौक चराहों पर चौकड़ी मार कर चर्चा करता दिखाई देता है पुलिस को सूचना दी जाती है तो कहते हैं इतनी जल्दी कैसे गिरफ्तार करें खैर भेजते हैं किसी को लेकिन गिरफ्तारी नहीं होती। ऐसे तो छोटे-छोटे मामलों में इनाम की उद्घोषणा की जाती है पर तड़ीपार से लौटे माफिया की करस्तानी में चुप्पी कई सवाल को जन्म देती है.. संभव है की शासन प्रशासन को किसी गंभीर वारदात का इंतजार है। पर यह तो तय है की कबाड़ माफिया अनीश को सरक्षण कोई तो दे रहा है पर वो कौन है..इस पर चर्चा जारी रहेगी।
शहडोल। जिला बदर से वापस लौटते ही अनीश अंसारी का खौफ छोटे बड़े 3 सितंबर का कारोबार करने वाले कबाड़ी खौपफजदा है। मजबूरी है कि जिंदगी से लगाव है तो फिर से माल अनीश को देना पड़ता है, वरना अनीश तो अनीश है कब क्या कर बैठे क्या पता का तो तो यह भीहै किे देखा नहीं कैसे अनीश ने शहर में लौटते हीगुड्डू की दुकान पर लूट करा दी। तड़ीपार से लौटने के बाद अनीश पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया बुढ़ार पुलिस की यह कार्यवाही शानदार रही लेकिन देखते ही देखते इस कार्यवाही पर मानो मैनेजमेन्ट का ग्रहण लग लया क्योंकि अब शवाल यह उठता है कि जिस फुर्ती के साथ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था उस फुर्ती के साथ आखिर गिरफतारी क्या नहीं हो पा रही क्या मामला मैनेजमेन्ट पर आकर अटक गया है हर जुबान पर यही चर्चा है निष्पक्ष ईमानदार शहडोल के पुलिस कप्तान जिन्होंने क्षेत्र में कानून व्यवस्था कायम रे को मद्दे नजर रखते हुए अनुषंसा कर तत्कालीन कलेक्टर से कथित माफिया को जिला बदर कराया था। बताया जाता है कि जिस अपराध में अनीश की गिरफतारी होनी थी लल्लू नौरोजाबाद को जिला बदर कर दिया गया।
चालू ठीहा, जारी कारोबार
तत्कालीन कलेक्टर वंदना वेद ने यह सोच के एक वर्ष के लिए माफिया अनीस अंसारी को जिला बदर किया होगा कि शायद जिला बादल से लौट के बाद अनीश सुधर जाए और गुना के इस कारोबार से तौबा कर ले लेकिन इसके विपरीत कथित माफिया अनीश ने तड़ीपार काट कर लौट के बाद एक साथ दो दुकानों का पुनः शुभारंभ किया सिंहपुर रोड स्थित गोदाम से तो बड़ा स्टोर कारोबार जारी ही है इसके अलावा किरण टॉकीज स्थित गोदाम से भी बिना किसी भाई के कारोबार किया जा रहा है, सूत्र बताते हैं कि अनीश एक बार फिर अपनी गैंग तैयार कर रहा है गैंग तैयार करने के बाद भोपाल स्तर पर सेटिंग बनाने की घुड़की उसने छोटे-बड़े सब कारोबारी को दे रखी है और एक बार राजधानी से हरी झंडी मिली तो वह अपना कहर सबसे पहले बुढार के सेठ पर बरसाएगा जो इन दोनों रहनुमा बना हुआ है।
खेल इसकी टोपी उसके सर
फलाने अधिकारी से कहो कि हम ढेकाने के खास हैं ढेकाने को कहो कि फलाने के पास 500 किलोमीटर दूर के एक अधिकारी से फोन पहुंच गया है, अब मेरे दिन लौटने वाले हैं, मैं ही संभाग में राज करूंगा, संभाग स्तर पर मेरा मैनेजमेंट हो गया है अधिकारी पुराने हैं किस्सा नया है खेल पुराना खेलूंगा सबसे पहले दुश्मनों को रेलूंगा!! बस इस जिले के अधिकारी का ट्रांसफर हो जाने दो ट्रांसफर के लिए बड़ी रकम पहुंचाया हूं काम के लिए जबलपुर के व्यापारी से 70 लाख उठाया हूं। बस इन्ही सब वादों के साथ इसकी टोपी उसके सर की तर्ज पर धंधा चल निकला है धंधे का आलम ऐसा है की एक गाड़ी बुढार पहुंचना है बाकी अपने गुर्गे के ठीहे पाली में पहुंचाना है,अब बात बीती रात की ही करें तो शहडोल से एक मिनी ट्रक पुट्ठा लेकर निकला पाली में गुर्गे से पुठ्ठों के नीचे से 3 मोटर 9 किलो तांबा उतारा और फिर पुट्ठा लोड कर के भेज दिया। खैर 100 बात की एक बात बस इतनी है की कथित माफिया को कप्तान साहब का डर है उनके ट्रांसफर की फंडिंग में माफिया उतारू है तब तक के लिए कारोबार ऐसे ही संचालित है बस इंतजार है तो लिस्ट का 10 का भोग लगाया जा चुका है एक बिचौलिए को ।
फिर जिला बदर क्यों नहीं
लोक शांति की सुरक्षा के लिए विभिन्न मामलों में आरोपी कबाड़ माफिया अनीश अंसारी को संवेदनशील ईमानदार पुलिस कप्तान कुमार प्रतीक द्वारा अनुशंसा कर जिला बदर कराया गया था, तो वही जिला बदर पूर्ण होने के बाद जब से अनीश ने शहडोल में वापसी की है तब से ही कबाड़ कारोबार के पीछे मिल्कियत वर्चस्व और गद्दी की जंग फिर से प्रारंभ हो गई है गौरतलब है कि हथियारबंद आरोपियों ने हाल ही में गुड्डू उर्फ नुरुल के घर में लूट जैसी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया था, जिसकी वजह भी कबाड़ कारोबार में वर्चस्व बताया जा रहा था। कम शब्दों में कहे तो अनीश की वापसी के बाद जिले में अपराधों की संख्या फिर बढ़ी है, और हाल ही में बुढार पुलिस ने एक मुकदमा भी दर्ज किया है ऐसे में मुकदमे में गिरफ्तारी के बाद शहडोल की शांति व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए ऐसे कुख्यात अपराधियों को जिले के बाहर करना ही अच्छा होगा इस बात की मांग सामाजिक एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा की जा रही है।


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