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संभाग के विकास कार्यों पर लग रहा बट्टा, खेड़िया ओर सिंघानिया पर बेअसर डिप्टीसीएम के निर्देश

 



सेतु निर्माण विभाग के कई ब्रिज अधूरे, कछुआ चाल पर एमपीआरडीसी के शहडोल उमरिया मार्ग का निर्माण 


पूरा होने के बाद भी श्यामडीह ब्रिज से आवागमन बंद, दूसरी ओर शहडोल बायपास में। दुर्घटना मौत के खेल का जिम्मेदार ठेकेदार


 लापरवाह निर्माण एजेंसियां और ठेकेदार पर मेहरबान निर्माण एजेंसियो के अधिकारी और आलम यह है कि डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल का आदेश भी बेअसर प्रतीत हो रहा है, इधर शहडोल उमरिया मार्ग निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा है तो दूसरी ओर सेतू निर्माण विभाग के आधा दर्जन ब्रिज कई वर्षों से अधूरे पड़े हैं, अब सवाल यह उठता है कि डिप्टी सीएम का आदेश भी बेअसर हो चुका है तो क्या विभाग लापरवाह हो चुका है या फिर ठेकेदार मनबढ़..!! इन सबके बीच पिस आम आदमी रहा और बट्टा लग रहा शहडोल के विकास कार्यों में, साथ ही प्रदेश सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है।



शहडोल : शहडोल के सेतु निर्माण विभाग और मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम दोनों विभागों के अधिकारियों की कार्यशैली पर तब सवालिया निशान खड़े हुए जब उन्होंने डिप्टी सीएम के सख्त लहजे के बाद भी अपनी पुरानी फितरत नहीं छोड़ी जी हां ठेकेदारों पर मेहरबानी और निर्माण कार्यों के कछुआ चाल जबकि सख्त लहजे पर शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने शहडोल प्रवास के दौरान एक माह के भीतर शहडोल उमरिया नेशनल हाईवे और शहडोल रीवा मार्ग को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे तो दूसरी ओर संवेदनशील संभाग आयुक्त महोदय ने सेतु निर्माण विभाग के एसडीओ को मौखिक फटकार के साथ-साथ लिखित कार्यवाही की लताड़ भी लगाई थी।





नेशनल हाईवे का हाल बेहाल 

शहडोल रीवा नेशनल हाईवे का हाल दो महापूर्व जैसा था लगभग वैसा ही अभी भी है, हालांकि कुछ स्थानों पर एक प्रतिशत का विकास जैसे डायवर्सन के गड्ढे भरे जाने आदि कार्य किए गए हैं.. लेकिन ठेकेदार का निर्माण कार्य अथवा यह कहे की बहुचर्चित निर्माण एजेंसी तिरुपति बिल्डीकान का निर्माण कार्य इतना धीमा है की लोगों को 2 माह में कुछ विशेष लाभ नहीं मिला आज भी आम आदमी उमरिया जाने के लिए मानपुर बांधवगढ़ जो कि लगभग 40 किलोमीटर ज्यादा सफर तय करना पड़ता है का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है, तो वही शहडोल जिला मुख्यालय में नवनिर्मित नेशनल हाईवे के अंडरपास ब्रिज के समीप एप्रोच का काम भी नहीं हुआ तो इसके अलावा सड़क के किनारे व्यवस्थित ढंग से संकेतक ना होने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। 

सेतु निर्माण विभाग का कार्य ठप्प

दूसरी ओर शहडोल के सेतु निर्माण विभाग के अधिकारियों की मनमानी है कि बीते कई वर्षों से लगातार चली आ रही है मानो ऐसा कोई अधिकारी ही नहीं जो इनकी मनमानी पर लगाम लगा सके एसडीओ मरकाम का कार्यकाल विवादों में से घिरा रहा फिर चाहे बात शहडोल से मानपुर रोड की की जाए जहां कई ब्रिज निर्माण अभी भी अधूरे पड़े हैं तो वही अधिकारी मरकाम पर खेड़िया की कंपनी को विशेष संरक्षण देने के आरोप हैं की नवलपुर हो या मानपुर रोड ठेकेदार की मनमानी गुणवत्ता विहीन कार्य और कछुआ चाल चल रही प्रगति पर सेतु निर्माण विभाग अंकुश नहीं लग पा रहा है इसके अलावा श्याम डीह में भी ठेकेदार पर मेहरबान होकर ब्रिज कार्य पूर्ण होने के बाद भी आज दिनांक तक आवागमन प्रारंभ नहीं हो पाया तो सुविधा के नाम पर मौत की खाई भी विभाग ने खुदवा दी।

संवेदनशील आयुक्त से कार्यवाही की दरकार 

शहडोल से तू निर्माण विभाग के अधिकारियों को मानो प्रशासन का रत्ती भर भी भय नहीं है यही कारण है कि विकास के कार्य कई वर्षों से आधार में अटके हैं नवलपुर ब्रिज श्याम डीह ब्रिज, शहडोल मानपुर रोड के ब्रिज सहित कई निर्माण कार्यों पर विभाग और ठेकेदार मिलकर बट्टा लगा रहे हैं, पूर्व में संभाग आयुक्त द्वारा लिखित में जवाब तलब किया गया था लेकिन विभाग द्वारा सही समय पर प्रति उत्तर न देने पर सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की बात कही गई थी। संभवतः साहब के किसी विशेष कार्य से छुट्टी चले जाने का फायदा विभाग के अधिकारी को मिला और जिला शिक्षा विभाग की भांति निलंबन की गाज सेतु निर्माण विभाग के अधिकारियों पर ना गिर सकी तो वही बताया जाता है कि सड़क निर्माण को लेकर भी ठेकेदार तिरुपति बिल्डिकान को कड़ी फटकार संभावित द्वारा लगाई गई थी जो लगभग बेअसर प्रतीत हो रही है।

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