इटोरा- सलैया के रास्ते शहडोल में आ रही चोरी की रेत घुनघुटी पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में..!!
गजेंद्र सिंह परिहार
शहडोल/उमरिया: उमरिया पुलिस की साठगांठ से यह कहे की मिलीभगत या कहा यह भी जा सकता है कि माफियाओं पर मेहरबानी या कर्तव्यनिष्ठ ना होने की वजह से शहडोल में खूनी संघर्ष की संभावना फिर बढ़ सकती है.. और अगर ऐसा हुआ तो निश्चित ही इसका ठीकरा घुनघुटी चौकी के सर पर फोड़ा जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीती खबर के बाद सोहागपुर पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और चेकिंग लगाकर अवैध रेत कई वाहन बंद कर दिए लेकिन घुनघुटी पुलिस ने ठोस कदम नहीं उठा पाई नतीजा यह है की चोरी के रेत का अवैध कारोबार का सिलसिला वाया घुनघुटी चौकी अभी भी जारी है जी हां बकेली से महेंद्र नामक माफिया भारी तादाद में प्रतिदिन नुमान नवउदित रेत माफिया की दो डग्गियों को प्रतिदिन लोड कर रहा है, और औने पौने दाम पर शहडोल में रेत बेची जा रही है आलम यह है की चोरी की रेत लेकर शहडोल आने वाले कथित माफिया के ड्राइवर हवा से बात करते हुए डग्गी मिनी ट्रक चलाते हैं ऐसे में किसी दिन भी शहडोल की धरती खून से फिर लाल हो सकती है, सूत्र बताते हैं कि बीते 6 माह में नुमान ने अवैध रेत के कारोबार में खूब तरक्की की है, और अब वह बड़े-बड़े अपराधियों के प्रत्यक्ष संपर्क में है, ऐसे में एक नंबर का रेत कारोबार करने वाले रेत कारोबारी का धंधा मार खा रहा है जिससे आपसी वर्चस्व रोजी-रोटी की लड़ाई कभी भी खूनी संघर्ष में तब्दील हो सकती है। इसकेेेे अलावा पुरानी बस्ती के विजय नामक रेत माफिया का नाम भी बकेली बड़वाही से अवैध कारोबार के लिए जमकर चर्चे में हैं । बताया जाता है कि घुनघुटी पुलिस से साठगांठ काट कर प्रतिदिन 10 से 12 मिनी ट्रक रेत शहडोल भेजी जा रही है। गौरतलब है की नौरोजाबाद कार्यकाल के दौरान भी घुनघुटी का कथित स्टाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में सुर्खियों में रहा है जिसकी जांच भी ठंडेबस्ते में है कठिन मामले में भी उमरिया पुलिस की जमकर किरकिरी हुई थी तो वही चंदा करके मैनेजमेंट की चर्चाएं भी निकल कर सामने आई थी तो वरिष्ठ अधिकारियों ने उमरिया के अधिकारियों को मौत की बोली लगाने तक के उलाहने दे डाले थे खैर वह मामला भी ठंडे बस्ते के हवाले है,ऐसे में घुनघुटी पुलिस का अवैध रेत के कारोबार और माफियाओं पर कार्यवाही न करना रहम दिल होना घुनघुती पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रही है हम यह नहीं कहते कि घुनघुटी पुलिस बेईमान है पर यह कहना अवश्य चाहते हैं कि आखिर क्यों बकेली के रेत कारोबार पर या कह सकते हैं कि अवैध रेत कारोबार पर घुनघुटी पुलिस अंकुश नहीं लगा रही है और बहुचर्चित वसूली बाज आरक्षकों के जो नाम सामने आ रहे हैं उन पर भी कार्यवाही अपितु जांच से गुरेज क्यों है।
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