आमा बेचने वाला मामा प्रतिदिन लाखों की कर रहा नाल वसूली
शहडोल /अनूपपुर। अनूपपुर जिले के चचाई थाना क्षेत्र अंतर्गत गीताग्राम के जंगलों में इन दिनों दिन के उजाले में जोरों पर 52 परी दौड़ रही है जुए के खेल में जिले ही नहीं संभाग ही नहीं विंध्य क्षेत्र के बड़े-बड़े जुआरी शिरकत कर रहे हैं दिन के उजाले में जुआ चलाने की परमिशन आखिर किसने दी यह एक बड़ा सवाल है, तो वही इस पूरे मामले में थाना प्रभारी चचाई की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है बताया जाता है कि मामां और फैमी 52 परी के इस प्रतिदिन संचालित होने वाले फड़ के मास्टरमाइंड है, जिसका निगेहबान छंगा बना हुआ है बताया जाता है कि पूरे खेल का संचालन एक सितारा वाले पंडित जी के संरक्षण में होता है यहि नही हिसाब लेना पहुंचाना और मैनेज करना भी इन्ही की जिम्मेदारी है, तो हरी, और छंगा इनके प्रमुख सिपहसलार हैं जिनका काम होता है फड़ को संचालित करना एवम ब्याज में खिलाड़ियों को पैसा उपलब्ध कराना एवम प्रमुख काम होता हैं बाहर से आए जुआरी की जेब खाली करना तो वहीं प्रतिदिन लाखों की नाल वसूली की चर्चा जिले ही नहीं संभाग में आम है ऐसे में अनूपपुर जिले की पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं, बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया में जमकर उल्लिखित फड की चर्चा आम है बावजूद इसके चचाई पुलिस इस संबंध में गंभीर नहीं है।
मामा फैमी और छंगा की तिकड़ी
अमलाई के बहुचर्चित मामा अपने बहुचर्चित गुर्गे छंगा, फेमी और हरि के साथ मिलकर अमलाई चाचाई थाने के बीचो-बीच गीता ग्राम में दिन के उजाले में दोपहर 2ः00 बजे से जुए फड़ का संचालन शुरू करते हैं, फड़ भी ऐसा वैसा नहीं यहां मासिक अथवा दैनिक ब्याज पर नहीं अपितु प्रति दाव फड़ के हिसाब से ब्याज पर कथित छकड़ी द्वारा रुपए उपलब्ध कराए जाते हैं बताया जाता है कि अनूपपुर के अंतिम छोर बिजुरी रामनगर सहित मनेंद्रगढ़, सरगुजा कोरिया, बैकुंठपुर तो इधर कटनी, बड़वारा से बड़े-बड़े जुआरी गीता ग्राम के इस जुए में शिरकत करते हैं जहां शराब और कबाब भी कथित पर संचालकों द्वारा पेश की जाती है।


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