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नाम मथुरा काम रेत चोरी.. घुनघुटी और सोहागपुर की पुलिस बनी हमझोली!!



बकेली और ओदरी से प्रतिदिन 10 लाख  से अधिक की चोरी की  रेत, शहडोल में रही खप


रिजवान खान

शहडोल। सुनहरी रेत के काले खेल में शहडोल ने एक होनहार पटवारी और एक कर्तव्य निष्ठ एएसआई को खो दिया फिर भी वर्दी धारी वर्दी को दाग लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो वही उमरिया पुलिस भी इस मामले में पीछे नहीं है, एसपी निवेदिता नायडू का मुखबिर तंत्र मानों  फेल हो चुका है क्योंकि उन्हें शहडोल जिला के सीमा घुनघुटी क्षेत्र में अवैध रेत के खनन परिवहन की सूचना नहीं मिल रही है, अब यह तो हमें पता है कि मैडम ईमानदार हैं तो यह नहीं कहा जा सकता कि मैडम जानकर भी अनजान बनी है, पर इतना अवष्य है कि कहीं ना कहीं घुनघुटी पुलिस मैडम के कान तक बकेली महेंद्र विक्रांत और बिजौरी मथुरा की करगुजारियों को पहुंचने नहीं दे रही है तो दूसरी ओर शहडोल जिला मुख्यालय में मुख्यालय के थाने के स्थान पर धन पर लगे हुए हैं इतना ही नहीं वर्तमान में तो यह भी कहा जाता है कि अर्थाथ जिस माफिया को कहेंगे वही मथुरा के अवैध भंडार से माल उठेगा।

बड़े पैमाने पर अवैध रेत कारोबार

नाम बड़े और दर्शन छोटे कहावत तो आपने सुन ही रखी होगी जी हां तीर्थ स्थल के नाम पर कोई नाम रख लेने से आदमी ईमानदार नहीं हो जाता हम बात कर रहे हैं बिजौरी ओदरी और बकेली से बड़े पैमाने पर रेत के अवैध खनन चोरी और परिवहन का जिसमें वर्दीधारी सिपह सलार बने हुए हैं फिर चाहे बात घुनघुटी पुलिस की की जाए या सोहागपुर पुलिस की.. खैर जनचर्चा के अनुसार घुनघुटी और सोहागपुर पुलिस जिस प्रकार से आपसी सामंजस से बैठाकर काम कर रही है यदि ऐसा काम उन्होंने किसी केस को सुलझाने के लिए किया होता तो ना कहो 12 घंटे के भीतर ही केस सुलझ जाता, फिर चाहे बात यासिर अभिषेक की हो 12 वर्षों के पत्रकारिता के इस कार्यकाल में हमने कभी दो जिलों के पुलिस के मध्य इतना अच्छा सामंजस्य नहीं देखा जितना अच्छा पुलिस सामंजस्य इन दोनों सोहागपुर और घुनघुटी पुलिस के बीच बताई जा रहा है कि किसी नुक्कड़ पर चर्चा रहती है की पंत बने संत चंगू मंगू का ख्याल रखो तो किसी नुक्कड़ पर यह बात कही जाती है कि रेत बेचांे 8000 रूपये में या रखो किमत छियासी बस मैनेज करके रखो सोहागपुर पुलिस।

प्रतिदिन लाखों की रेतचोरी

बताया जाता है कि ओदरी और बकेली से इन दिनों प्रतिदिन लाखों की रेत चोरी हो रही है जी हां बकेली में जहां महेंद्र, विक्रांत अतुल जैसे नाम चर्च में है तो वहीं दूसरी ओर ओदरी में एक छात्रराज पुराने रेत माफिया मथुरा का बताया जा रहा है, बताया जाता है कि मथुरा अपने ही घर में प्रतिदिन सैकड़ो ट्रैक्टर ट्रालियों से अवैध रेत का खनन करा के भंडारण कराता है, और फिर दिन के उजाले में लगभग आधा सैकड़ा डग्गी कथित रेत माफिया मथुरा के घर से लोड होकर शहडोल शहर खपने आती हैं, अब इस बीच सवाल यह है की कोनी तिराहे के समीप ठेका कंपनी और खनिज कॉरपोरेशन का संयुक्त नाका बना हुआ है जिसकी भूमिका भी कटघरे में है। 

घुनघुटी और सोहागपुर गठबंधन

बकेली में महेंद्र विक्रांत और उनकी टीम द्वारा स्थानीय नालों और आसपास के नदियों से रेत उत्खनन 24 घंटो सातों दिन कराया जाता है ट्रैक्टर ट्राली से उत्खनन किए गए रेत को छोटे-छोटे टुकड़ों में बकेली ग्राम में भंडार कराया जाता है, सूत्र बताते हैं कि प्रति ट्रैक्टर से प्रतिदिन ₹1000 रुपए का नजराना यासिर और अभिषेक वसूली करते हैं इस प्रकार से 35 से 40 ट्रैक्टरों का प्रतिदिन का 35 से 40000 रुपए चौकी मुखिया तक पहुंचाया जाता है घुनघुटी अध्याय समाप्त कहो पंत जी की जय हो!! अब बात सोहागपुर पुलिस की करते हैं जी हां मथुरा कथित रेत माफिया जो की सोहागपुर और घुनघुटी चौकी के सीमा पर रहता है के द्वारा सीमा पर संचालित बिजौरी घाट से प्रतिदिन दो से ढाई दर्जन ट्रैक्टर लगवा कर रेत का अवैध उत्खनन करवाया जाता है सूत्र बताते हैं की रेत उत्खनन कराकर मथुरा स्वयं के मकान के बाड़े में भंडारण कराता है जिसे स्थानीय शहर के माफिया को बिक्री हेतु दिया जाता है इस मामले में पेचीदा तथ्य यह है कि सोहागपुर पुलिस के कथित वसूली बाज यह निश्चित करते हैं कि मथुरा के अवैध डंप से रेत आखिर उठायेगा कौन। जिसने कथित साहब को उचित कीमत की भेंट चढ़ाई रेत का वही करेगा उठाई.. इस प्रकार प्रति डिग्गी प्रतिदिन 3 से 5 हजार और कुल मिलाकर 10 से 12 तक डग्गी जिसमे प्रमुख  लक्की, प्रशांत, छेकलाल, उवैद, नुमान, फैजान, पुलिस पुत्र, राजेश व अन्य उठाई करते हैं।

खूनी संघर्ष की बनी संभावना

कथित मथुरा नामक माफिया का ट्रैक्टर पलटने का केस अनिल पटेल कार्यकाल में खूब सुर्खियों में रहा, हालांकि उसके बाद माथुरा ने तौबा कर ली थी लेकिन वर्तमान सोहागपुर के निगेहबान ने उसे वापसी का रास्ता दिखाया, अब इस रेत के अवैध कारोबार में वैध रेत कारोबारी मार खा रहे हैं ऐसे में बकेली में आए दिन खूनी संघर्ष मारपीट की स्थिति निर्मित होती है तो वही बिजोरी का हाल भी कुछ ऐसा ही है जहां शराब के नशे में आए दिन मारपीट जैसी घटना होती है हालांकि स्थानीय पुलिस नरवार बिजौरी के मामलों पर चुप्पी साथ लेटी है, गौरतलब है कि अभी हाल ही में सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नरवार में ही एक युवक को गोली लगी थी। इसके अलावा बताया यह भी जाता है की रेत को लेकर आए दिन कट्टा बंदूक तनातनी की स्थिति दोनों ही स्थान पर निर्मित होती है ऐसे में यदि वरिष्ठ अधिकारियों नेें ठोस कदम नहीं उठाये तो कोई बड़ी घटना हो सकती है।


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