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केजीएफ की तर्ज पर बड़े पैमाने पर अब मरखी माई केशवाही से अवैध कोयला खनन की तैयारी

 



दस दिन से लगी थी जेसीबी, बड़े पैमाने पर खदान,मुहाड़े आदि का निर्माण, कौन है केशवाही का प्रेम महाराज किसका है संरक्षण

शहडोल। केजीएफ की तर्ज पर बड़े पैमाने पर अवैध कोल खनन की तैयारी म.प्र. के शहडोल जिले के अंतिम छोर केसवाही में की जा रही है जहां स्थानीय कोल माफिया पीपी महराज ने लगातार दस दिन की मसक्कत के बाद बड़े पैमाने पर अवैध खदान का निर्माण कराया है बताया जाता है कि केसवाही से चार रुपये प्रति किलो के रेट से पीपी महराज ने अवैध कोयला की खरीदी के लिए शहडोल से लेकर रीवा, प्रयागराज तक के नामचीन माफियाओं को आमंत्रण दे दिया है हालाकि अभी तक किसी भी माफिया ने शहडोल जिले के इस अवैध खदान से कोयला खरीदने की हिम्मत नहीं जुटाई है लेकिन सूत्र बताते है कि बड़े पैमाने पर खरीदी के लिये माफिया मैनेजेमेन्ट लिंक की तलाष में है। 

केजीएफ की तर्ज पर खनन

केशवाही चौकी अंतर्गत मरखी माई से कोल खनन का यह मामला कोई नया नहीं है, पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा निया नियमतः खनिज विभाग की टीम को भेजकर खदान बंद कराई गई थी।लेकिन आज से पूर्व इस बड़े पैमाने पर अवैध खदान का संचालन नहीं किया गया बताया जाता है कि कथित पी महाराज द्वारा 10 दिन जेसीबी लगाकर मारखी में के आसपास पूर्णता है बड़े पैमाने पर अवैध खदान का संचालन किया गया है, बड़े-बड़े मुहाड़े बनाए गए हैं, जहां से औसतन प्रतिदिन 100 से 180 टन अवैध कोयला खनन का लक्ष्य रखा गया है। 

प्रभारी की भूमिका संदिग्ध 

15 दिन से लगातार मरखी माई में जेसीबी मशीन लगाकर अवैध खनन को अंजाम देने खदान का निर्माण किया जा रहा था ऐसे में स्थानीय चौकी प्रभारी की नजर ना पड़ना कई सवालों को जन्म दे रहा है सूत्रों की माने तो स्थानीय चौकी प्रभारी ने अवैध खनन और अवैध खदान के एवज  में प्रतिमाह 6 अंकों में नजराना बांध कर  रखा है यही कारण है कि वह शर्मा पर कार्यवाही से गुरेज कर रहे हैं। यही नहीं चौकी क्षेत्र अंतर्गत अन्य भी अवैध कार्यों में  मंडावली की विशेष भूमिका कथित  शर्मा जी द्वारा ही निभाई जा रही है।


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