जिला बदर से लौटते ही बुढ़ार में अपराध हुआ था पंजीबद्ध, कुमार प्रतीक के स्थानांतरण के बाद हाई लेवल मैनेजमेंट के दंभ भरने की चर्चा आम...
शहर की शांति व्यवस्था बनाए रखना तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने कबाड़ माफिया अनीश को 1 वर्ष के लिए शहडोल जिले से तड़ीपार किया था बावजूद इसके अनीश के हौसले इस कदर बुलंद है कि जिला बदर पूर्ण करते ही चालू विद्युत तार 11 केवी चोरी मामले में अनीस काफी समय तक फरार रहा बाद गिरफ्तारी की गई बताया जाता है कि शहडोल जिला मुख्यालय में धड़ले से सिंहपुर रोड में अनीश द्वारा बड़े पैमाने पर चोरी की माल खरीद फरोख्त का कार्य किया जा रहा है और जिसे रात के अंधेरे में जबलपुर में खफाया जा रहा है।
शहडोल। लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कबाड़ माफिया जिस पर दर्जनों अपराध पंजीबद्ध थे अनीस अंसारी को जिला बदर किया गया था तो लगभग 1 वर्ष से जिले में अपराधिक गतिविधियों और ग्राफ में गिरावट आई थी तो वहीं कुछ माह पूर्व 1 वर्ष का जिला बदर पूर्ण कर अनीस अंसारी ने शहडोल जिले में अपनी वापसी की है कयाश लगाई जा रही थी की जिला बदर के बाद अनीश ने अपराध से तौबा कर ली होगी लेकिन इसके विपरीत अनीश अपने अवैध कारोबार से बाज नहीं आया जिसका प्रमाण है बुढार में दर्ज मुकदमा बताया जाता है कि अनीस कबाड़ सिंडिकेट शहडोल संभाग पर कब्जा जमाने अनीश विभिन्न अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों और माफियाओं के संपर्क में हैं, यही नहीं जबलपुर से दलाल बुला कर सेटिंग बनाने के दंभ भरने की भी खबर है..बताया जाता है कि शहडोल कबाड़ कारोबार की गद्दी जो जिला बदर के बाद से खाली है पर पुनः अनीश की नजर है और एक बार फिर अनीश उस गद्दी पर बैठकर शहडोल संभाग का कबाड़ कारोबार अपने नीचे चलाना चाहता है जिसके लिए खूनी संघर्ष की संभावना है हालांकि बताया यह भी जाता है की राजधानी के लिंक ढूंढने में कथित माफिया अनीश और उसके सहयोगी लगे हुए हैं किंतु सवाल यह उठता है कि बीते कुछ दिनों में जिस हिसाब से स्नैचिंग लूटपाट और चोरी जैसे अपराधों में बढ़ोतरी हुई है कहीं उसकी वजह अनीस अंसारी तो नहीं...!!
फिर हो जिला बदर की कार्यवाही
लोक शांति की सुरक्षा के लिए विभिन्न मामलों में आरोपी कबाड़ माफिया अनीश अंसारी को संवेदनशील ईमानदार पुलिस कप्तान कुमार प्रतीक द्वारा अनुशंसा कर जिला बदर कराया गया था, तो वही जिला बदर पूर्ण होने के बाद जब से अनीश ने शहडोल में वापसी की है तब से ही कबाड़ कारोबार के पीछे मिल्कियत वर्चस्व और गद्दी की जंग फिर से प्रारंभ हो गई है गौरतलब है कि हथियारबंद आरोपियों ने हाल ही में गुड्डू उर्फ नुरुल के घर में लूट जैसी घटना को अंजाम देने का प्रयास किया था, जिसकी वजह भी कबाड़ कारोबार में वर्चस्व बताया जा रहा था। कम शब्दों में कहे तो अनीश की वापसी के बाद जिले में अपराधों की संख्या फिर बढ़ी है, और हाल ही में बुढार पुलिस ने एक मुकदमा भी दर्ज किया है ऐसे में मुकदमे में गिरफ्तारी के बाद शहडोल की शांति व्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए ऐसे कुख्यात अपराधियों को जिले के बाहर करना ही अच्छा होगा इस बात की मांग सामाजिक एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा की जा रही है।
जिला बदर रहीम भी चर्चे में
दूसरी और बताया जाता है कि रहीम अंसारी कबाड़ कारोबारी के जिलाबदर के दौरान ही रहीम का कबाड़ कारोबार संचालित होना बताया जाता है जिसने सोहागपुर पुलिस ने रहीम कबाड़ी के गोदाम के बाहर से एक गाड़ी जप्त की थी जिसका ड्राइवर मौके से गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था गाड़ी में लोड कबाड़ को पुलिस ने जप्त कर लिया है तो वहीं यह पूरा माल रहीम अंसारी का बताया जा रहा है जबकि रहीम अंसारी वर्तमान में जिला बदर है।
सिंहपुर रोड में बनाया गोदाम
जिला बदर काटने के बाद जब अनीस अंसारी ने शहडोल में वापसी की तो उसने पुन अपनी पुरानी गद्दी सिंहपुर रोड स्थित गोदाम को अपना कब्जा जमाया सूत्र बताते हैं कि बड़े पैमाने पर रेलवे और एस ई सी एल के बुढार अमलाई धनपुरी,अल्ट्राटेक पटासी की फैक्ट्री सहित अन्य स्थानों से चोरी का माल उल्लेखित सिंहपुर रोड स्थित है में कब आया जा रहा है जहां प्रतिदिन तीन से चार मिनी ट्रक माल प्लास्टिक और टीना बोलकर शहडोल से जबलपुर भेजा जा रहा है, गौरतलब है कि उल्लेखित ठीहे में तत्कालीन कप्तान ने दबिश भी दी थी। और पूर्व में कई कार्यवाहियां भी उल्लेखित ठीहे में हो चुकी है।
अधिकारियों से कार्यवाही की दरकार
संवेदनशील नवागत पुलिस कप्तान और पुलिस महानिरीक्षक शहडोल से बड़े नामचीन कबाड़माफियों जिनके हौसले जिलाबदर जैसी कार्यवाही के बाद भी पस्त नहीं हो रहें है पर ठोस कार्यवाही की दरकार लगाई जा रही है, बताया जाता है की यदि नामचीन कबाड़ माफिया यदि पुनः अवैध कबाड़ कारोबार शुरू करने के मंसूबे में सफल हुए तो पुनः शहडोल में त्राहिमाम- त्राहिमाम की स्थिति निर्मित होगी और फिर आपराधिक गतिविधियों में इजाफा होगा । ऐसे में अब नजरे वरिष्ठ अधिकारियों पर टिकी हैं।



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