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सरकारी तनख्वाह से सरकारी कायदों को रौंद रहा सरकारी शिक्षक,भांजे के साथ मिलकर शुरू की अवैध प्लाटिंग


पर्दे के पीछे भूमाफिया डी एस,सामने से रजिस्टर्ड एग्रीमेंट करा रहे अज्जू और अमित...

शहडोल : एक और जहां कलेक्टर केदार सिंह ने भूमाफियाओं के लिए सख्त रवैया अख्तियार करते हुए भूमि खरीदी पर अनुमति का प्रावधान रखा है वहां दूसरी ओर भू माफियाओं के हौसले पस्त होने का नाम नहीं ले रहे हैं, आलम यह है कि रक्षक ही भक्षक बने हैं और सरकार से पैसा लेकर सरकारी कायदे को रौंदने  पर उतारू है, बताया जाता है कि कथित भू माफिया डी एस अपने भांजे अज्जू और उसके सहयोगी अमित के साथ मिलकर जमुई में नई अवैध प्लाटिंग की शुरुआत की है जिसमें बाकायदा रजिस्टर्ड एग्रीमेंट किए गए हैं और बिक्री खरीदी हेतु अनुमति के लिए फाइल कलेक्टर कार्यालय भेजी गई है जबकि नियमानुसार  एक खसरा नंबर पर एक वर्ष में तीन ही प्लांट विक्रय किया जा सकते हैं बावजूद इसके कथित भू- माफिया  बड़े पैमाने पर सेटिंग और मैनेजमेंट की दंभ भूमि क्रेताओं से भर रहे हैं। 

पूर्व में भी रौंद चुके कायदे 

अवैध प्लाटिंग राजस्व कायदों को रौंदने का यह मामला कोई नया नहीं है इसके पहले भी कथित भू माफिया ने  बड़े पैमाने पर चांपा मेडिकल कॉलेज के आसपास अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे चुके हैं जिसको लेकर सैकड़ो लोगों ने कलेक्ट्रेट जाकर घेराव कर विरोध जाहिर किया था तो वही आम सी शासकीय नौकरी के बाद भी कथित शासकीय नौकर भू माफिया डीएस ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर रखी है, और इसी पाप की कमाई को वह अपने और अपने परिवार के ऊपर बेतहाशा खर्च कर रहा है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि पाप की कमाई से परिवार को शिक्षा सुविधा जो वह उपलब्ध करा रहे हैं वह कितनी फलाचार होगी । पर एक बात तो है कि यदि समय रहते डी एस जैसे माफियाओं पर लगाम नहीं कसी गई तो न सिर्फ कई क्रेता छले जाएंगे अपितु राजस्व कायदों की भी अवहेलना होगी।

जिला प्रशासन को चुनौती

कम शब्दों में यह कहना सही प्रतीत होता है कि एक शासकीय शिक्षक जिला प्रशासन के सर्व सर्व कलेक्टर और कमिश्नर को यह चुनौती दे रहा है कि आप चाहे लाख अंकुश लगा लो लाख अनुमति लगा लो मैं तो अवैध प्लाटिंग को अंजाम दूंगा ही आप मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, जी शासकीय शिक्षक की हम बात कर रहे हैं वह पूर्व में भी अवैध प्लाटिंग शासकीय भूमि खुर्दबुर्द सहित कई मामलों में सुर्खियों में रहा है तत्कालीन तहसीलदार भरत सोनी को कथित भू माफिया बंधुओं की जांच भी मिली थी लेकिन यारी काम आई और जुगाड बना। 

कौन है अज्जू और अमित 

बताया जाता है कि कम समय में भूमाफियाओं में अपना स्थान सुनिश्चित कर चुके भू माफिया अज्जू पांडे को सामने रखकर कथित शासकीय शिक्षक के भेष में छुपा भू माफिया अवैध प्लाटिंग को अंजाम देता है, जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इसका भरपूर सहयोग करते हैं पूर्व में कथित अज्जू को अपने मामा की करनी भी भोगनी पड़ी और पीली कोठी तक का सफर तय करना पड़ा, तो वही अज्जू और उसके सहयोगी अमित द्वारा सामने रहकर रजिस्टर्ड एग्रीमेंट के आड़ में बिक्री का खेल खेला जा रहा है तो पीछे से फाइनेंस का पूरा जिम्मा कथित डीएस के मजबूत कंधों संभाल रखा है। इसके अलावा कथित भूमाफियाओं के अन्य भी खेल और किस्से हैं जिनकी चर्चा  आगामी अंक में जारी रहेगी।

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