तो क्या प्रशासन के स्थान पर पूंजीपतियों और भूमाफियाओं के लिए काम कर रहा हल्का पटवारी पयासी!!
महंगे जूते, लग्जरी गाड़ी, शासन की नौकरी बजाने के लिए निजी नौकर जैसी सुविधाओं का लुफ्त उठाने वाले तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की कार्यप्रणाली और संपत्ति की जांच हो तो शहडोल में बड़े खुलासे हो सकते हैं, महंगे शौक अपराध और भ्रष्टाचार को जन्म देते हैं मामूली सी तनख्वाह में दाल रोटी चल जाए वही बड़ी बात है ऐसे में पूंजीपतियों को और भू माफियाओं को अवैधानिक लाभ दिलाना कानून की दृष्टि से अपराध की श्रेणी में आता है। तो शहडोल जिला मुख्यालय से लगे आसपास के ग्रामों में राजस्व अमले के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान बढ़ते अवैध प्लाटिंग और दस्तावेजों में हेर फेर को लेकर खड़े हो रहे हैं।
रिजवान खान
शहडोल। शहडोल जिला मुख्यालय से लगे कल्याणपुर क्षेत्र इन दोनों अपराधी गतिविधियों का गढ़ बन चुका है जिसका मुख्य कारण बताया जाता है शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा, शहडोल पुलिस के अनुसार लगभग आधा सैकड़ा से अधिक शासकीय भूमि पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर लिया है और घर गोदाम आदि बनाकर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, यही नहीं कल्याणपुर हल्का क्षेत्र के पटवारी प्रद्युमन पयासी भी अपनी गतिविधियों को लेकर जन चर्चा का केंद्र बने हुए हैं जनचर्चाओं के अनुसार प्रद्युमन के साइलेंट पार्टनरशिप से ही बड़े पैमाने पर कल्याणपुर में विंध्या कॉलेज के समीप एवं अन्य स्थानों पर बड़ी अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया गया है, हालांकि हम इन जन चर्चाओं की पुष्टि नहीं करते पर जांच से बड़ा खुलासा हो सकता है।
अवैध प्लाटिंग का भी गढ़
शासकीय भूमि पर कब्जे के अलावा कल्याणपुर और विचारपुर अब अवैध प्लाटिंग का भी गढ़ बन चुका है लड्डू शिवांशु जैसे कई भू माफिया कल्याणपुर में अवैध प्लाटिंग को अंजाम दे चुके हैं, जिसको लेकर उन दिनों हमारी टीम द्वारा सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी किंतु मामले में उचित कार्यवाही के स्थान पर पूंजीपति व्यापारियों के फोन सीएम हेल्पलाइन बंद करने हेतु गनगनाने लगे जिससे एक बात तो स्पष्ट है कि कल्याणपुर हल्का में पूंजीपतियों और व्यापारियों का बोलबाला है। कई अवैध प्लाटिंग में सैकड़ो रजिस्ट्री होनी बताई गई इसके बाद भी कार्यवाही सिर्फ प्रतिवेदन तक ही सिमट कर रह गई जो कहीं ना कहीं कल्याणपुर पटवारी प्रद्युम्न पयासी की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान लगा रही है।
प्रतिवेदन में फसेंगे पटवारी साहेब
एक पल के लिए मान लिया जाए कि पटवारी कर ही क्या सकता है,सिवाय अवैध प्लाटिंग की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को देने के और प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लेकिन इसके बाद भी मामला यह आता है कि हर अवैध प्लाटिंग में की गई रजिस्ट्री के लिए नामांतरण तो पटवारी को ही करना होता है पटवारी चाहे तो वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देते हुए वह खसरा नंबर जहां अवैध प्लाटिंग को अंजाम दिया जा रहा है वहां नामांतरण पर रोक लगा सकता है। लेकिन ऐसा कुछ देखने कल्याणपुर में नहीं मिला। इसके अलावा जो भी लोग कल्याणपुर में शासकीय भूमि पर काबिज है वह भी माह दर माह अपना कब्जा शासकीय भूमि में बढ़ता जा रहे हैं जिस पर भी लगाम कसने की जिम्मेदारी स्थानीय राजस्व महकमे की थी।
पटवारी नहीं तो जिम्मेदार कौन
जिले की राजस्व व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है जिसके लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारियों समेत जमीनी स्तर के अधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार है जितने के तहसीलदार लेवल के अधिकारी..! शहडोल जिला मुख्यालय के कल्याणपुर में अवैध प्लाटिंग होती रही और अवैध प्लाटिंग पर नामांतरण पर नामांतरण पटवारी साहब करते रहे, सीएम हेल्पलाइन में शिकायत हुई समाचारों में सुर्खियां रही कि कल्याणपुर में अवैध प्लाटिंग हो रही है बावजूद इसके पटवारी और राजस्व निरीक्षकों के कान में जूं नहीं रेंगी। शिकायत बंद करने के लिए यह बताया गया कि प्रतिवेदन तहसीलदार और एसडीएम को भेजा गया है अगर प्रतिवेदन भेजा गया और प्रतिवेदन के बाद भी अवैध प्लाटिंग पर रोक नहीं लगी तो इसके लिए जिम्मेदार वे अधिकारी है जिन्होंने मामले में संज्ञान नहीं लिया या कहा यह भी जा सकता है कि इन्हीं के संरक्षण में अवैध प्लाटिंग फलती-फूलती रही।
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