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गुड जॉब... कोतवाली पुलिस, कप्तान के कुशल मार्गदर्शन में अंतराज्यीय शातिर चोर गिरोह का भंडाफोड़



फिल्मी तर्ज पर 8 महीने से कर रहे थे चोरियां, 53 लाख का मसरूका जप्त, 6 आरोपी गिरफ्तार


 नवागत पुलिस कप्तान की नई तकनीक और पुलिसिंग की नई पद्धति रंग लाई और 8 महीने से हो रही चोरियों का अंततः पुलिस ने खुलासा किया सातिर चोरो ने चोरी का कोई सुराग नहीं छोरा था फिर भी देर आये दुरूस्त आये की तर्ज पर इस सानदार कार्यवाही की मुक्त कंठ से प्रषंसा की जा रही है इस दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में कप्तान रामजी श्रीवास्तव ने दो मुख्य बिन्दु पहला यह कि चोरो द्वारा सूने घरो के बेडरूम में रखी आलमारी को ही निषाना बनाया जाता था इसलिए घर खाली रहने पर कीमती समान को आलमारी में रखने से गुरेज करे एवं आपका सीसीटीव्ही कैमरा आपके घर के साथ-साथ पड़ोसी और मुहल्ले को भी चोरी से बचाता है इस हेतु बजट हो तो सीसीटीव्ही अवष्य लगवाये का संदेष दिया। मार्च से अबतक बीस घरो में हुई चोरी का खुलासा हुआ सोने, चांदी के जेवरात सहित 53 लाख का मसरूका जप्त हुआ 6 आरोपी गिरफ्तार हुए छ.ग. का हिस्ट्री सीटर सातिर चोर दुर्गेस भी पुलिस के हथ्थे चढ़ा।



शहडोल। मार्च 2024 से कोतवाली थाना क्षेत्रांतर्गत रात्रि में चोरों द्वारा सूने घरों में ताला तोड़ कर 20 चोरियों की गई जिसमें मंगलसूत्र, सोने की रिंग, कान की लटकन, चांदी की पायल, अंगूठी, पाजेब, सोने चांदी की सिक्के, नाक की कील, सोने की लाकिट एवं नगदी राशि चोरी की गई थी। प्रायः सभी चोरियों का पेर्टन एक जैसा था सूने घरों को चोर निषाना बना रहे थे घर में लगे सीसीटीव्ही से भी बचने का तरीका इन्होंने खोज निकाला था लेकिन चोरों की फूटी किस्मत शहडोल की कमान अपनी पुलिसिंग के लिए ख्याति प्राप्त कप्तान रामजी श्रीवास्तव को मिली तो घरों के कैमरे के स्थान पर मौहल्ले और गलियों के कैमरे खंगाले जाने लगे फिर मिला पुलिस को चोरी का सुराग और कुषल मार्गदर्षन में पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाया। प्रभार लेने के बाद पुलिस अधीक्षक शहडोल द्वारा चोरियों की घटनाओं पर अंकुश लगाने एवं विगत वर्ष में हुई चोरियों के खुलासे के लिये समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया जिसके तारतम्य में उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय शहडोल एवं थाना प्रभारी कोतवाली एवं उनकी टीम द्वारा अथक प्रयास कर चोरी की घटनाओं का अनावरण किया गया। 

फिल्मी स्टाईल में कर रहे थे चोरी


चोर कितना भी शातिर क्यों न हो कोई न कोई सुराग छोड़ ही जाता है जरूरत होती है बस सुराग तक पहुंचने वाली तेज नजरों की सीएमपीडीआइ कैम्प निवासी बिलासपुर का पुराना हिस्ट्री सीटर चोर दुर्गेश नाई उर्फ मोटू नाई पिता स्व.शंभू नाई उम्र 40 साल जो शहडोल में अपने मित्र के यहा रहकर फिल्मी तर्ज पर चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था उसे यह लगता था कि वह बहुत शातिर है उसने किसी प्रकार के सुराग नहीं छोड़े लेकिन शहडोल पुलिस ने बाल की खाल निकाल कर अंततः उसे दबोच ही लिया। प्रेस वार्ता के दौरान मीडिया हब टीम से बातचीत के दौरान पुलिस कप्तान ने बताया कि शातिर चोरो ने चोरी के कोई सुराग नहीं छोड़े थे मुख्य आरोपी दुर्गेश नाई द्वारा अधिकांश चोरी की घटनाएं अकेला तथा कुछ घटनाए अपने साथियों के साथ अंजाम देता था एवं चोरी के माल को अपने बहन ऊषा गोड़ एवं भांजे अर्जुन गोड़ को शहडोल, बुढ़ार, अमलाई रेल्वे स्टेशन के आस पास बुलाकर दे देता था। दुर्गेश की बहन ऊषा चोरी की सम्पत्ति को दुर्गेश नाई की पत्नी पुष्पा नाई को देती थी पुष्पा चोरी के जेवरात स्वयं, मनीष एवं ऊषा के द्वारा जबलपुर ले जाकर सूरज सोनी को देती थी सूरज सोने चांदी के जेवर को बेचकर प्राप्त राशि पुष्पा एवं मनीष को नगद एवं खाते में ट्रान्सफर कर देता था। पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा थाना सोहागपुर में चोरी की घटना कारित करना स्वीकार किया गया। कुल मिला कर 6 आरोपी दुर्गेष, सूरज, पुष्पा, उषा, मनीष, अर्जुन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बताया गया कि मुख्य आरोपी दुर्गेश के मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों, छत्तीसगढ के बिलासपुर, जंजागीर चांपा एवं उड़ीसा में पूर्व से 25 से अधिक अपराध पंजीबध्द है।

53 लाख का मसरूका जप्त


उक्त कार्यवाही में पुलिस ने कुल 270 ग्राम सोना कीमत करीबन 21 लाख रुपये, 02 किलो चांदी कीमत करीबन 2 लाख रुपये, एक बेलेनो कार कीमत करीबन 10 लाख रुपये, नगद राशि 17 लाख 50 हजार रुपये, 08 नग मोबाईल कीमत करीबन 1 लाख 50 हजार रुपये कुल मशरुका 53 लाख रुपये जप्त किये गये। उक्त कार्यवाही में कप्तान के कुषल मार्गदर्षन के साथ थाना प्रभारी कोतवाली राघवेन्द्र तिवारी, उप निरी.उपेन्द्र त्रिपाठी, उप निरी. राकेश बागरी, सउनि रजनीश तिवारी, रामराज पाण्डेय, सउनि सुरेश कुमार, कन्हैया लाल, विश्वनाथ तिवारी, प्र.आर. महेन्द्र पाल शुक्ला, मायाराम अहिरवार, गिरीश मिश्रा शिवकरण यादव, आरक्षक सोनी नामदेव, तरुण गवले, निर्मल मिश्रा एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय शहडोल के सायबर सेल की सराहनीय भूमिका रही।

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