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भर्री और आस-पास के जंगलो में अमरेश सजा रहा जुंआ फड़


पाली, उमरिया से करते है बावन परियों के आशिक शिरकत


शहडोल। पुलिस कप्तान के सख्त निर्देश है कि सट्टा जुआ जैसे अपराध कतई बक्से ना जाएं इन पर पूर्ण रूप से लगाम कसी जाए इन्हीं निर्देशों के बीच पड़ोसी जिले के एक शातिर जुआरी ने शहडोल जिला मुख्यालय से लगे भर्री गांव को अपना गढ़ बनाया हुआ है बताया गया कि भर्री के अमरेश जुआरी ने अपने साथियों के साथ मिलकर जिला मुख्यालय के लगे गांवो में  जगह बदल-बदल कर बावन परी का नाच करा रहा है गुरूवार की शाम कोटमा के पपोल तलाब के पास ढलती शाम के साथ देर रात तक फड़ बैठने की खबर है।

नए जुआरी का हुआ उदय

इन दिनों भर्री के जंगलो में जुऐ का बड़ा फड़ संचालित हो रहा है। संचालित जुऐं के फड़ मे जुऐ के आशिक आ कर जुऐं के फड़ में चार चांद लगा रहे है। जानकारी के अनुसार दोपहार दो बजे से अमरेश का जुआं संचालित होता है। संचालित जुऐ के फड मे बिरसिंहपुर पाली, बुढ़ार, उमरिया से बावन परियों के आशिक पहुंचते है। जिले में खुलेआम जुएं का फड़ जोरों पर फलफूल रहा है। खुलेआम बावनपरियों का व्यापार प्रति दिन चल रहा है। सूत्रो की माने तो भर्री बस स्टैण्ड के पास से लेकर फड़ संचालन स्थल के चारो साइड लड़को की फील्डिंग लगी रहती है, जब पुलिस कार्यवाही करने पहुंचे तो लड़को द्वारा जुआ संचालक को खबर दिया जाता है फिर पुलिस के आने से पहले ही फड़ संचालक को इसकी खबर लग जाती है और महफिल बंद हो जाती है। भर्री, श्यामडीह, बरहाई, चापा, पोगरी सहित जगह-जगह फड़ चलाए जा रहे हैं। बड़े जुआ पर पेशेवर जुआरी लाखों रुपए दांव पर लगा रहे हैं। वहीं, जंगल और खेतों में जुआ के फड़ लग रहे हैं। जुआ खेलने वालों के हौसले और पुलिस कार्रवाई को लेकर उनकी निश्चिंतता के सबूत के रूप में बीच में जुआ फड़ों पर दांव लगाने के वीडियो भी सोशल मीडिया में सामने आ जाते है। लेकिन पुलिस को ये जुआ फड़ कम ही नजर आते हैं। अब देखना यह होगा की पुलिस बहुचर्चित जुआ पर प्रतिबंध लगा पाती हैं या नहीं।

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