तो आखिर कहां रूकी सचिवों की स्थानान्तरण सूची, क्यो मुद्रिका सिंह है चर्चे में
मुद्रा, मुद्रिका और सूची का क्या है कनेक्शन..., सचिव संघ ने सौंपा ज्ञापन, लेन-देन की चर्चा आम
पंचायत स्तर पर कार्यरत सचिवों का स्थानान्तरण अब चर्चा का विषय बना हुआ है जहां मुद्रा और मुद्रिका दोनो की चर्चा जिले में आम है मुद्रिका से तात्पर्य अतिरिक्त जिला पंचायत सीईओ मुद्रिका सिंह से बताया जा रहा है गौरतलब है कि सूची के पहले एक सूची वायरल हुई थी जिसको लेकर लेन-देन की चर्चा जोरो पर थी और अब तारीख निकलने के बाद सूची जारी न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है चर्चा थी कि पहली सेची पर मुद्रिका सिंह ने जमकर जुगाड़ जमाया और सूची वायरल होने के बाद साहब के जुगाड़ फेल हो गए और भ्रष्टाचार की नावं ढूबने लगी तो उसी नांव को पार लगाने रिलीफ होने की जगह शहडोल मुख्यालय में साहब डटे हुए है।
शहडोल। पंचायत सचिवों के स्थानान्तरण की अंतिम तारीख 17 जून 2025 तक रखी गई थी तारीख बीते लगभग 15 दिन बीत चुके है लेकिन मुद्रिका की टोकरी से अब तक सूची बाहर नहीं निकली हम बार-बार मुद्रिका सिंह को सचिवों के स्थानान्तरण से इस लिए जोड़ रहे है क्योकि जिस दिन से स्थानान्तरण का हो हल्ला शुरू हुआ उसी दिन से चर्चे में साहब भी आए अनुषंसा पत्र दिलाने से लेकर मन चाहे पंचायत दिलाने को लेकर कथित साहबान की चर्चा जोरो पर रही यहां तक कि जनचर्चा इस स्तर पर थी कि एक पंचायत के विरूद्ध तीन-तीन से लिफाफे प्राप्त किए गए जहां लिफाफे काम न आए वहां सचिवों को जनप्रनिधियों के माध्यम से दबाव बनाने और पत्राचार कराने का रास्ता भी बताया गया फिर जनप्रतिनिधियों ने भी खूब पत्राचार और अनुषंसा लिखी बहरहाल सूची जारी होने के पहनले वायरल हुई और वायरल सूची ही साहब की गले की फांस बन गई लिफाफ के बाद जिसका नाम सूची में रहा वह तो ठीक जिसका नहीं रहा उसने साईलेन्ट मोर्चा खोल दिया।
वायरल हुई थी ट्रांसफर सूची
अधिकारिक तौर पर सूची जारी होने के पूर्व ही सचिवों के ट्रांसफर की सूची सोषल मीडिया में वायरल हो गई हालाकि वायरल सूची की विष्ववनीयता की पुष्टि हम नहीं करते लेकिन सूची ने जमकर सूर्खिया बटोरी चर्चे में रहे साहब मुद्रिका सिंह वायरल सूची के बाद तथा कथित चनप्रतिनिधी अपने चहेतो जिनके लिए उन्होने अनुषंसा पत्र जारी किया था को लेकर जनप्रतिनिधी सक्रिय हुए और मोर्चा खोल दिया सूत्रों के अनुसार कथित साहब ने जहां से पेषगीय ले रखी थी वहां विष्वास दिलाने सूची भेजी थी और विष्वास में घात हुआ और सूची वायरल हो गई। साहब ने रायता फैलाया बड़े अधिकारियों की फटकार का सामना करना पड़ा तो साहब ने फैले रायते को समेटने की प्रक्रिया शुरू की यही कारण है कि अब तक डैमेज कान्ट्रोल जारी है और सूची जारी नहीं हुई।
सचिव संगठन ने सौंपा ज्ञापन
इसी बीच ट्रांसफर सूची न आने से नाराज सचिव संगठन ने 23 जून को जिले और प्रदेष के आलाकमान को ज्ञापन प्रेसित करते हुए बताया कि विषयान्तर्गत लेख कर सादर अनुरोध है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा जारी स्थानान्तरण 2025 के अनुसार पंचायत सचिवों का स्थानान्तरण की अंतिम तारीख 17 जून 2025 तक स्खी गई थी। किंतु आज दिनांक 23/06/2025 तक की स्थिति में शहडोल जिले में पंचायत सचिवों का स्थानान्तरण अभी तक नहीं किया गया है। कुछ सक्रिय दलालो के द्वारा जिले में पंचायत सचिवों के ट्रांसफर को लेकर अवैध वसूली व धमकी भी दी जा रही है जिससे जिले के सभी सचिवों में एक भय व्याप्त है। चूंकि स्थानान्तरण अवधि समाप्त हो चुकी है ऐसी स्थिति में आपसे विनम्र अनुरोध है कि अब पंचायत सचिवों का स्थानान्तरण न किये जाने की कृपा करें। ताकि पंचायत सचिव अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन स्वतंत्र रूप से कर सके। समयावधि समाप्त होने के बाद भी यदि सचिवों का स्थानान्तरण किया जाता है तो संगठन न्यायालय की शरण में जाने के लिये बाध्य होगा।
नहीं हो रहा शहडोल से मोह भंग
बीते कई वर्षो से मुद्रिका सिंह शहडोल में पदस्थ रहे है पूर्व मंे जनपद सीईओ के प्रभार को लेकर साहब चर्चे में रह चुके है तो वर्तमान में साहब के पास जिला पंचायत सीईओ का प्रभार है हालाकि साहब का ट्रांसफर अनूपपुर के लिए हो चुका है लेकिन साहब का मोह शहडोल से आज भी भंग नहीं हो रहा है इस दौरान कई गंभीर आरोपो से साहब घिरे रहे है कभी जनपद के जनप्रतिनिधियों ने मोर्चा खोला तो कभी बेहिसाब संपत्ति की चर्चाए आम रही और अब सचिवों का ट्रांसफर और ट्रांसफर को लेकर चर्चाए 50 से 1 लाख प्रति पंचायत की वसूली, विधायको की लाईजिनिंग को लेकर विभिन्न प्रकार की चर्चाए आम रही है प्रकाषन की कड़ी जारी रहेगी है।
इनका कहना है
(सप्ताह भर पूर्व इस संबंध में हमारे द्वारा मुद्रिका सिंह प्रभारी सीईओ जिला पंचायत शहडोल से दूरभाष में चर्चा की गई थी तो उन्होने सूची जारी हुई की नहीं हुई की जानकारी उन्हे नहीं होने की बात कही थी तो वहीं पुनः जानकारी और पक्ष जानने हेतु संपर्क किया गया तो साहब का फोन नहीं उठा।)
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