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हादसा/हत्या: सीवर कंपनी की हठधार्मिता, जल्दबाजी, लापरवाही और निर्माण एजेंसी व प्रशासन की उदासीनता ने ली दो मजदूरों की जान!!!




 नौकरी का पहला दिन बना जीवन का आखरी दिन, मौत की खाई में दो मजदूर दिहाड़ी की लालच में दिए गए झोंक... 


 क्या रसूख के सामने दम तोड़ देगा न्याय, या दोषियों पर होगी कार्यवाही, लगातार में पढ़ें कोबरा न्यूज के साथ


 अक्सर देखा जाता है कि गरीबों को मिलने वाला न्याय रंगीन कागजों के सामने बेबस होकर दम तोड़ देता है...!!  शहडोल की सीवर लाइन प्रोजेक्ट की जो की एक अरसे से शहडोल के वासियों  के लिए गले की फांस बना हुआ है ऐसे में संरक्षित बैगा जनजाति के दो युवकों को जो की कुशल और प्रशिक्षित थे उन्हें ठेका कंपनी ने आनन फानन  में जल्दी काम पूरा करने के उद्देश्य से खुदाई के नाम पर मौत की खाई में झोंक दिया जिन्हें समय पर राहत एवं बचाव कार्य उपलब्ध होता तो शायद वह हमारे बीच जिंदा होते लेकिन किंतु परंतु रेस्क्यू कार्य को धता बताते हुए सुरक्षा मानकों का खुला उल्लंघन कर मनमानी की तर्ज पर प्रशासन ने भी सीवर लाइन प्रोजेक्ट के अधिकारियों को छूट दी थी और नतीजा यह हुआ कि दो परिवार अनाथ हो गए। बहरहाल संवेदनशील कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह ने शनिवार की तड़के सोशल मीडिया में लाइव कर सीवर लाइन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो डूबती नैया बचाने तथा कथित जिम्मेदार कोरम पूर्ति करने मृतक बैगा मजदूर के परिवार से मिलने गए। 


शहडोल। मध्य प्रदेश सरकार एक अर्थी से बैगा जनजाति के संरक्षण के बड़े-बड़े दावे कर रही है ऐसे में इन बाबू की पोल शहडोल में खुली जब दिहाड़ी के फेर में बैगा जनजाति के दो परिवार के मुखिया कल की गर्त में झुक दिए गए और दो दिन बाद तक दोषियों पर मुकदमा कायम नहीं हो पाया बहरहाल चर्चा यह निकलकर आई की मामले को दबाने कुछ विशेष प्रयास किया जा रहे हैं तो वहीं आर्थिक सहायता के एवज में यदि यह प्रयास हो रहा है कि लापरवाह ठेका कंपनी के कारिंदों और सतत निगरानी ना रखने वाली निर्माण एजेंसी के जिम्मेदारों पर कार्यवाही ना हो तो यह तो गलत है। गौरतलब है कि सीवर लाइन प्रोजेक्ट में अकुशल श्रमिक मुकेश बैगा और महिपाल बैगा बिना सुरक्षा मानको को पूर्ण किए बिना गहरी खाई नुमा गड्ढे में उतार दिए गए लगभग 11घंटे के रेस्क्यू  के बाद उनका शव निकाला गया सोशल मीडिया में बड़े-बड़े दावे हुए लेकिन इन दांवों के विपरीत कांग्रेस पूर्व जिला अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह ने शनिवार की सुबह मृतक मजदूर के घर पहुंच कर समस्त दावों की पोल खोल दी कि कैसे सहयोग के नाम पर केवल 8 क्विंटल लकड़ी उपलब्ध करा कर महज खानापूर्ति की गई बहरहाल सोशल मीडिया में नेताजी का वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार की देर शाम कुछ नेता और जनप्रतिनिधि औपचारिकताएं करने पहुंचे। 

काल की गर्त में समा गए दो बैगा मजदूर

शहडोल जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र के कोनी वार्ड नंबर-1 में गुरुवार को सीवर लाइन की खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से दो भाइयों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक मुकेश बैगा (40) और महिपाल बैगा (33) पहली बार इस कार्य में शामिल हुए थे। हादसे ने प्रशासन की गंभीर लापरवाही और सुरक्षा मानकों में हीलाहवाली को उजागर कर दिया गया, खुदाई के दौरान मिट्टी धंसने से दोनों भाई गड्ढे में दब गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और महिपाल को निकालने की कोशिश की, लेकिन प्रशासनिक सहायता देर से पहुंची। स्थानीय लोगों की माने तो बचाव दल भी मौके पर लेट से पहुंचा करीब 11 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पहले महिपाल ओर फिर  मुकेश का शव बाहर निकाला गया। बताया जाता है की महिपाल की गर्दन तक मिट्टी भरी थी और वह बचने की गुहार लगा रहा था। बारिश के कारण मिट्टी भीगी हुई थी, जिससे बचाव में दिक्कत आई। लोगों का कहना है कि अगर समय पर रेस्क्यू टीम पहुंचती तो शायद महिपाल की जान बचाई जा सकती थी। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने ठेकेदार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए। सीवर प्रोजेक्ट पर काम कर रही गुजरात की कंपनी ‘स्नेहल’ ने बिना सुरक्षा उपायों के काम जारी रखा, जबकि पहले ही नगर पालिका द्वारा नोटिस जारी किया गया था। दुर्घटना के बाद कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे। बहरहाल बताया जा रहा है की जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। 

कांग्रेस पूर्व जिला अध्यक्ष ने खोला मोर्चा 

गुरुवार को हुई इस हृदय विदारक घटना के बाद शुक्रवार का पूरा दिन बीत गया और किसी ने मृतक  मजदूर के परिवार से संपर्क नहीं किया सहायता के नाम पर अंतिम संस्कार के लिए कुछ क्विंटल लकड़ी ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई गई तो वहीं शनिवार की सुबह करीब 7रू00 बजे जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष आजाद बहादुर सिंह मृतक मजदूर के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे और प्रशासन के दावों की पोल खोल कर रख दी जिसमें मृतक का परिवार ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला और भी पहले दिन ही अच्छी दिहाड़ी के लालच में काम करने गए थे उन्हें सीवर लाइन में काम करने का कोई अनुभव नहीं था इसके अलावा कई गंभीर आरोप आजाद बहादुर सिंह द्वारा जिला प्रशासन और सीवर लाइन कंपनी पर लगाए गए इसके बाद सत्ताधारी दल के कुछ नेता भी देर शाम स्थानीय विधायक के साथ मृतक परिवार के घर पहुंचे बताया जा रहा है कि उनके द्वारा आर्थिक सहायता राशि की उपलब्ध कराई गई।

नासूर बना सीवर लाइन प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि सीवर लाइन निर्माण हेतु तय समय सीमा को ठेका कंपनी पहले ही पूर्ण कर चुकी है जिसके बाद अब काम एक्सटेंशन में चल रहा है इसलिए जहां मध्य प्रदेश के कई जिलों में जलभराव की वजह से अफरा तफरी का माहौल है ऐसे माहौल के बीच जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त है आनन फानन में सुरक्षा मानकों को धता बताते हुए बड़े-बड़े गड्ढे सीवर लाइन के कारिंदों द्वारा खोद दिए गए हैं जिससे आम जनता प्रभावित हो रहे हैं और हादसे भी हो रहे हैं जिनमें  एक घंटे में बारिश का पानी भर रहा है और दुर्घटनाएं घट रही हैं जिसको लेकर सोशल मीडिया में लगभग एक माह से जंग छिड़ी है लेकिन जिम्मेदारों की नजर एक बार भी इस पर  नहीं पड़ी। 

क्या मिलेगा मृतक मजदूरों को न्याय

इस पूरी घटना को शहडोल की जनता हादसा नहीं हत्या की संज्ञा दे रही है कारण अकुशल मजदूर,मानकों का उल्लंघन और रेस्क्यू में देरी।सुरक्षा मानकों को धता बताते हुए भरी बरसात में अ कुशल श्रमिक को मौत की खाई नुमा गड्ढे पर उतार दिया गया जो कहीं ना कहीं ठेका कंपनी के जिम्मेदार और उन पर निगरानी रखने के लिए उत्तरदाई निर्माण एजेंसी की लापरवाही उजागर करती है ऐसे में लापरवाही के लिए उत्तरदाई अधिकारियों पर कार्यवाही होगी या नहीं यह एक ज्वलंत सवाल है बहरहाल चर्चा यह है कि निर्माण एजेंसी और ठेका कंपनी मिलकर मामले में डैमेज कंट्रोल की पटकथा लिख रही है रंगीन कागजों के बोझ तले न्याय दम तोड़ता है कि नहीं यह तो देखने वाली बात होगी,बहरहाल चर्चाओं का बाजार गर्म है कुछ आंकड़े भी निकल कर सामने आए है, कि  बड़े पैमाने पर मार्केट से नगद रकम उठा कर  डैमेज कंट्रोल का प्रयास जारी है।

इनका कहना है

(इस संबंध में जानकारी के लिए निर्माण एजेंसी एमपीयूडीसी के अधिकारी विजय सिंह को दूरभाष में संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनका फोन नहीं उठा, टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से वर्जन की मांग की गई उसके बाद काल वेटिंग के बाद भी साहब का फोन नहीं उठा। )


मैं अभी लगभग 15 दिवस से बाहर हूं इस संबंध में वर्जन एमपी यूडीसी के अधिकारी विजय सिंह ही दे पाएंगे मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। 

नितेश मित्तल 

पीसी स्नेहल ग्रुप, सीवर लाइन प्रोजेक्ट शहडोल


मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है, एमपीयूडीसी को पत्राचार कर ठेका कंपनी एवं सेफ्टी अधिकारी के विषय में जानकारी मांगी गई है पीएम रिपोर्ट के बाद लापरवाही पर उत्तरदाई अधिकारियों पर कार्यवाही होगी। 

भूपेंद्रमणि पांडेय 

थाना प्रभारी, सोहागपुर

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