सड़क भ्रष्टाचार मामले में वनविभाग ने किया था खंडन, अब विनियर मामले का कैसे करेगा विभाग महिमा मंडन
शहडोल का दक्षिण वन मण्डल और दक्षिण वन मण्डला अधिकारी एक बार फिर सुर्खियों में है वजह अब वन सीसी सड़क में व्यापक भ्रष्टाचार नहीं बल्कि अनूपपुर प्रभार के दौरान डीएफओ श्रीमती श्रद्धा पेन्द्रो द्वारा तीन अलग-अलग आवेदकों को उद्योग स्थापित करने हेतु जारी की गई पीलिंग लेथ मशीन (वीनियर मशीन उद्योग) कि अनापत्ति/अनुज्ञप्ति है, जिसको पूर्व में तत्कालीन सीसीएफ अजय पांडेय ने नियम विरूद्ध बताते हुए नोटिस जारी की थी वहीं लगाये गये आरोपो को डीएफओ द्वारा सिरे से खारिज किया गया था लेकिन मामला यही नहीं थमा पत्राचार हुए समाचार के माध्यम से राजधानी स्तर पर जांच की मांग उठाई गई और जांच प्रारंभ हुआ तो कलई खुली और तत्काल प्रभाव से श्रीमती श्रद्धा पेन्द्रो द्वारा जारी तीनों अनापत्ति प्रमाण पत्र नियम विरूद्ध बताकर दिशा निर्देश और नियमों का हवाला दे कर नवागत आईएफएस डीएफओ अनूपपुर विपिन कुमार पटेल द्वारा गुरूवार को निरस्त कर दिए गए।
शहडोल। कहावत है कि मन बहलाने के लिए गालिब का खयाल अच्छा है साहेब इसी तर्ज पर दक्षिण वन मण्डल शहडोल में वन सीसी सड़क में किये गये भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले समाचार का खंडन जारी किया गया लेकिन कहावत यह भी है सांच को आंच नहीं के तर्ज पर जहां एक ओर वन सीसी सड़क के भ्रष्टाचार की जांच को नौ दिन चले अढ़ाई कोष की तर्ज पर अंजाम दिया जा रहा है, और इसी बीच तत्कालीन सीसीएफ द्वारा लगाये गये आरोपो की लगभग पुष्टिकर्ता पत्र तेज तर्रार आईएफएस अनूपपुर डीएफओ ने जारी किया जिसमें अतिरिक्त प्रभार के दौरान श्रीमती श्रद्धा पेन्द्रो द्वारा तीन आवेदक मों. शाहिद रजा, आकाश साहू एवं अनिल अग्रवाल को जारी पीलिंग लेथ मशीन वीनियर मशीन की अनापत्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की गई एवं पत्र प्राप्त होने के बाद उल्लंघन की दशा पर सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए।
तत्काल प्रभाव से निरस्त अनापत्ति
अनूपपुर डीएफओ द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि उल्लेखित तीनों अनापत्तियों में दिशा निर्देश दिनांक 11 सितम्बर 2017 के बिन्दु 4 (पप) के प्रावधान अनुसार नये काष्ठ आधारित उद्योगों के लिये नई अनुज्ञप्ति दिये जाने का अधिकार सिर्फ राज्य स्तरीय समिति को ही है। तत्कालीन वन मण्डलाधिकारी अनूपपुर द्वारा बिला एस.एल.सी. को प्रस्ताव भेजे अथवा एस.एल.सी. से बिना अनुमोदन कराये नई काष्ठ आधारित उद्योग की अनुज्ञप्ति/एन.ओ.सी. प्रदान कर भारत सरकार द्वारा काष्ठ आधारित उद्योग दिशा निर्देश 2016 यथासंशोधित सितम्बर 2017 के पैरा 4 (पप) का उल्लंघन किया। अतएव संदर्भित पत्र द्वारा वीनियर मशीन लगाये जाने हेतु प्रदाय की गई अनापत्ति/अनुज्ञप्ति, म.प्र. काष्ठ चिरान संशोधन नियम 1984 का उल्लंघन होने तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा काष्ठ आधारित उद्योग दिशा निर्देश 2016 एवं उसका संशोधन दिनांक 11 सितम्बर 2017 के दिये गए दिशा निर्देशों का उल्लंघन होने के कारण कार्यालयीन पत्र क्रमांक / राजस्व/2024/6469 दिनांक 08.10.2024 से प्रदाय किया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
प्रभार में अनुमति देने की क्यों थी जल्दी
वही एक ओर जहां एक वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी एवं युवा तेज तर्रार आईएफएस अधिकारी ने दी गई अनुज्ञप्ति/अनापत्ति को गलत ठहराई है, वहां दूसरी ओर डीएफओ श्रद्धा पेंद्रो का कहना अब भी यही है कि वरिष्ठों के मार्गदर्शन व अन्य जिलों में दी गई अनुमति के अनुसरण में अनापत्तियां दी गई थी तो फिर सवाल यह उठता है कि आखिर डीएफओ श्रद्धा पेंद्रो को अनूपपुर के अतिरिक्त प्रभार के दौरान अनूपपुर में अनुमति देने की इतनी जल्दी क्यों थी बताया जाता है कि मामला या यू कहां जाए कि आवेदन पूर्व से लंबित था अतिरिक्त प्रभार के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए आखिर कथित जल्दबाजी में यह अनुमति क्यों दी गई, मैडम डीएफओ चाहती तो अतिरिक्त प्रभार के दौरान अनापत्ति जारी न करते हुए मूल वन मंडल अधिकारी के पदस्थापन का इंतजार कर सकती थी। खैर मामले में कई प्रकार के सवाल जन्म ले रहे हैं तो वही उठते सवालों ने दी गई अनापत्ति पर एवं डीएफओ मैडम की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े किए हैं।
राजधानी के गलियारों में साउथ की चर्चा
बताया जाता है कि शहडोल का दक्षिण वन मंडल इन दिनों शहडोल ही नहीं प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है एक और जहां वन सीसी सड़क का मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में है वहीं दूसरी ओर विनियर पीलिंग लेथ मशीन के मामले में भी तूल पकड़ लिया है इसके अलावा कुछ अन्य मामले हैं जो वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में हैं जिस पर अंदरुनी रूप से जांच की प्रक्रिया जारी है बताया यह भी जाता है कि लगातार मिल रही शिकायतों पर कोई ठोस कार्यवाही विभाग के वरिष्ठ अधिकारी कर सकते हैं इसके अलावा वन सीसी सड़क भ्रष्टाचार मामले में जांच का कछुआ चाल चलना भी डीएफओ के वीनियर केस के लिए प्रतिकूल साबित हो सकता है।
अन्य जिलों में अनुमति का हवाला
वही इस मामले में शुरुआत से ही जब सीसीएफ अजय पांडे ने डीएफओ श्रीमती श्रद्धा पेंद्रो को जवाब तलब किया था तब से एक बात प्रमुखता से निकलकर सामने आई है कि सतना, डिंडोरी,इंदौर सहित अन्य जिलों में भी अनुज्ञप्ति एनओसी प्रदान की गई है और उन अनुज्ञप्ति या एनओसी पर सवाल नहीं उठ रहे हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार सतना डिंडोरी, इंदौर, छिंदवाड़ा एवं अन्य स्थानों पर अनुमति जारी की गई है हालांकि वह अनुमति राज्य स्तरीय समिति के अनुमोदन से जारी की गई है कि नहीं की पुष्टि हम नहीं करते।
इनका कहना है
निरस्त के संबंध में जानकारी मुझे नहीं है, मेरे द्वारा जो अनापत्ति अनूपपुर अतिरिक्त प्रभार के दौरान जारी किए गए थे वे वरिष्ठों के मार्गदर्शन एवं प्रदेश के अन्य जिलों में जारी अनापत्ति अनुज्ञप्ति के अनुसरण करते हुए जारी किए गए थे।
श्रीमति श्रद्धा पेंद्रो
डीएफओ, शहडोल दक्षिण वन मंडल
अनूपपुर वन मंडल के अतिरिक्त प्रभार के दौरान तत्कालीन डीएफओ श्रद्धा पेंद्रो द्वारा मोहम्मद शाहिद, आकाश साहू और अनिल अग्रवाल को पीलिंग लेथ विनियर हेतु जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र नियम विरुद्ध एवं भारत सरकार के दिशा निर्देश का उल्लंघन होने पर तत्काल प्रभाव से निरस्त किए गए हैं।
विपिन कुमार पटेल
डीएफओ, अनूपपुर वन मंडल
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