शहडोल। अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है लेकिन थोड़ा बोलने और पोल खोलने में हर्ज भी नहीं है, ट्रांसफर की चली बयार कीमत हुई लाख के पार, बीच में आई नेता की चिट्ठी, जुगाड़ की खिचड़ी हुई खट्टी, फिर सब ने दिखाई अपनी चतुराई बीच में आए ब्लॉक वाले दिवाकर भाई, दोनों ने मिलकर चढ़ाई नेता जी को 10 की मिठाई, चिट्ठी का पावर हुआ जीरो सिंह साहब बन गए कुंड के हीरो । एक दस में डील रंग लाई,साहब ने छानी मलाई, चिल्लाते रहे सब प्रभार प्रभार, सिंह साहब ने संभाला कुंड का कार्यभार। खैर कहासुनी माफी अभी के लिए इतना काफी। बाकी रात बाकी बात बाकी।
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