आखिर है कौन पयासी जो करा रहा रेत और कोयले की निकासी
शहडोल। जिला मुख्यालय के सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत इन दिनों नए-नए माफियाओं का उदय हुआ है काले कोयले का काला खेल हो या सुनहरी रेत का सुनहरा मकड़ जाल हर तरफ एक ही नाम पयासी-पयासी चर्चे में रहता है इस नाम का इतना प्रकोप है कि नवलपुर, डाला, धनगवां क्षेत्र से हो रहे अवैध कोयले खनन में गई दम्पत्ति की जान के मामले को भी ठंडे बस्ते के सुपुर्द कर दिया गया और बदस्तूर काले हीरे का काला खेल जारी रहा जिसमे लगभग एक सैकड़ा से अधिक ईंट भट्टो में कोयले की खेप पहुंचाई गई और यदि कोयला परिवहन करते ट्रैक्टर को किसी ने रोका तो बस एक ही नाम सामने आया... पयासी जी अब सवाल यह उठता है कि यह पयासी जी है कौन और इन्हे वसूली की खुली छूट दी किसने है इसी प्रकार सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोनी तिराहे से लगभग एक दर्जन रेत माफियाओं का उदय हुआ है जिन्हे तरीका और तर्ज पयासी जी उपलब्ध कराते है और नरवार, बिजौरी और बकेली से रेत का अवैध उत्खनन कराया जाता है।
काले हीरे का काला खेल
सोहागपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नवलपुर,डाला,धनगंवा नवलपुर घाट से मजदूरों के माध्यम से खुदाई कर भारी मात्रा में कोयला निकाला जाता है जिसमें बीते दिन खदान में दबने से एक दंपति की मौत भी हुई थी हालांकि रातों रात मामला ठंडे बस्ते के हवाले कर दिया गया लेकिन इस खेल का संचालन भी कथित पयासी जी द्वारा ही काफी लंबे अरसे से किया जा रहा है इसकी जानकारी शायद जिम्मेदारों को नहीं है सूत्रों की माने तो लगभग 13 ट्रैक्टर इस काले हीरे के परिवहन में लगे हुए हैं जिसकी देखरेख कथित पुराने रेत माफिया द्वारा की जाती है जिसमें प्रति ट्रैक्टर 50 से 70 मासिक का लिफाफ सेट है और अपने वरिष्ठ को 50 और 70 के स्थान पर 20 की जानकारी दी जाती है और शेष राशि से कथित पयासी जी अपनी जेब गर्म करते हैं । खैर वर्तमान में ईंट भट्टो में खपत कम होने की वजह से पयासी जी का धंधा मंदा चल रहा है यह भी सच है।
सुनहरी रेत का फैला मकड़जाल
जब पयासी जी ने धन संकलन की जिम्मेदारी संभाली तो उन्होंने कोनी तिराहे से लगभग एक दर्जन माफियाओं को उत्पन्न किया जी हां पयासी जी की नाभि से उत्पन्न यह माफिया नरवार, बिजौरी और बकेली से रेत की चोरी अवैध ढंग से रेत का भंडारण और उस रेत को शहडोल जिला मुख्यालय में लाकर खपाने का काम करते हैं जिसकी पूरी जानकारी सिर्फ और सिर्फ पयासी जी को होती है इसके एवज में पयासी जी प्रति डग्गी 10 और प्रति ट्रैक्टर जो भंडारण कार्य में लिप्त होते हैं उनसे चार प्रति सप्ताह वसूलते हैं। इसके अलावा कुछ रेत माफिया जैसे विजय जिनके पास चार से पांच वाहन है उन्हें विशेष छूट दी जाती है और चार से पांच डग्गी से प्रति सप्ताह मात्र 30 का लिफाफा उगाहा जाता है, ऐसे ही अन्य भी माफिया हैं जिन्हें ज्यादा वाहन होने पर विशेष छूट उपलब्ध कराई जाती है इसके अलावा प्यासी जी की दूरदर्शिता से बारिश लगने से पहले ही कथित माफियाओं द्वारा पयासी जी ने अलग-अलग स्थान पर ग्रामीण अंचल क्षेत्र में भंडारण कर लिया था ताकि बरसात में पयासी जी मानसून के प्रभाव से अछूते रहे।
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महीना पन्द्रह के आंकड़े को पार करते हैं माफियाओं के पालनहार चर्चित पयासी...
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