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ग्यारह दिन बीते फिर भी हाथ खाली......हाल-ए-शहडोल-कोतवाली

 




गुर्गो पर गिरी गाज सरगना आज भी आजाद,साहब को कार्यवाही से गुरेज क्यों...


शहडोल (कोबरा) :शहडोल की कोतवाली पुलिस हमेशा की तरह एक बार फिर जिले भर में सुर्खियां बटोरती नजर आ रही है किंतु इस बार मामला थोड़ा अलग है इस बार तो जिले की यातायात पुलिस ने पका पकाया भोजन थाना कोतवाली तक पहुंचाया था पर कोतवाली पुलिस ने भोजन को ठीक से परोस तक न सकी, मामला 11 दिन पहले शहडोल के बलपुरवा बाईपास  मार्ग में यातायात पुलिस द्वारा जप्त किए गए शराब के जखीरे का है जिसने  कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली पर अब प्रश्नवाचक चिन्ह लगा दिया है।  जिस पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ गुर्गों पर गाज गिराई गई किन्तु ठेकेदार पर सप्ताह भर से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी  कार्यवाही नहीं हुई है तो मामले की पड़ताल में हमारे टीम को कई ऐसे चौकाने वाले प्रमाण मिले है जो कोतवाली पुलिस की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करने का काम कर रहें है।इतना ही नही यदि इस पहलू को प्रथम द्रष्टया नजरअंदाज कर दिया जाए तो कोतवाली पुलिस अभी भी शराब की तस्करी करा रहे शराब ठेकेदार पर मेहरबान नजर आ रही है।

कई पहलू अब तक अनसुलझे...

पुलिस द्वारा दर्ज की गई f.i.r. के अनुसार  वाहन के साथ मौके पर जसवंत नामक आरोपी गिरफ्तार हुआ था,पर वाहन स्वामी पर कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं हो पाई ,न ही दर्ज एफ आई आर में पुलिस ने वाहन स्वामी का जिक्र किया इतना ही नहीं मामला विवेचना में लिए हुए 11 दिन बीत चुके हैं किंतु पुलिस के हाथ अभी भी वाहन स्वामी तक नहीं पहुंचे हैं, प्रतीत होता है कि आमतौर पर शराब केस में जिस प्रकार चालक के नाम पर किरायानामा तस्कर द्वारा प्रस्तुत किया जाता है पुलिस को उसी किराये नामे का इंतजार है,हालांकि यंहा किराये नामे का भी बड़ा झोल है जो ठेकेदार की पोल खोल रहा। इतना ही नहीं शराब किसकी थी अथवा किसके द्वारा तस्करी कराई जा रही थी और गिरफ्त में आए आरोपी का बयान,वाहन चालक की अदला-बदली,6 अंको की डील,तो कई अन्य रहस्य हैं जिन पर से पर्दा उठना बांकी है।



बैच नंबर की  जानकारी मांगी गई है: पुलिस 

 अब यह शराब का जखीरा किसका है यह तो बैच नंबर की जांच से ही स्पष्ट हो सकता था मामला कायम होने के बाद ही कोतवाली प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा से इस संबंध में जानकारी चाही गई थी कि शराब किस ठेकेदार द्वारा पैकारी कराई जा रही थी, किंतु इस सवाल का जवाब पहले दिन से अब तक सिर्फ एक ही है की विवेचना जारी है, वहीं कोतवाली प्रभारी ने बताया कि चालक को गिरफ्तार कर लिया गया है पर चालक की गिरफ्तारी का मामला भी अपने आप मे एक पूरी खबर से कम नही, वही विवेचक द्वारा जब इस मामले के संबंध में दूरभाष पर औपचारिक वर्जन लिया गया तो उन्होंने शराब की बैच नंबर की जांच हेतु वेयरहाउस आबकारी विभाग को पत्राचार किया गया है कि जनाकारी दी।


बैच की जानकारी नही मांगी गई है: आबकारी 

कोतवाली पुलिस से बैच नंबर की जानकारी मांगी गई है इस बात की पुष्टि करने 2 दिनों बाद जब आबकारी विभाग में पदस्थ  वेयरहाउस प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अपने कर्तव्य निष्ठा का परिचय देते हुए पत्र के संबंध में अपने स्टाफ से पूंछताछ कर यह स्पष्ट कर दिया कि वेयरहाउस में जप्त की गई शराब के बैच नंबर के संबंध में कोई जानकारी कोतवाली पुलिस द्वारा नहीं मांगी गई,अब सवाल यह उठता है कि जब पत्र कोतवाली से निकला तो वेयरहाउस तक पहुंचा क्यों नहीं, या फिर पत्राचार की खानापूर्ति कर पत्र को पहुंचने ही नहीं दिया गया। 


कौन जाने अब क्या होगा...

शराब ठेकेदार के प्रति कोतवाली पुलिस का सॉफ्ट कॉर्नर  इन दिनों चर्चा में बना हुआ है, तो दूसरी ओर क्राइम मीटिंग में नवागत पुलिस अधीक्षक के सख्त रवैया की चर्चा भी जमकर आम हो रही है, अब देखना यह होगा कि हमेशा की तरह इस मामले पर भी कार्यवाही सिर्फ गुर्गो तक ही सीमित रहेगी या गाज तस्कर पर भी गिरेगी।


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https://www.kobranews.com/2020/10/96.html?m=1



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