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शहडोल नगर पालिका सीएमओ की पहली पसंद है राजश्री गुटखा....?


शहडोल ( कोबरा-जनसरोकार) : नियमों की माने तो किसी भी शासकीय परिसर या यूं कहें कि शाश्कीय भवन,इमारत,संपत्ति में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक गुटखा सिगरेट तंबाकू आदि का प्रचार प्रसार पूर्णतया वर्जित है, अब नियम में कौन कौन से अनुच्छेद हैं यह तो हम नहीं जानते ना हम इसका दावा करते हैं लेकिन आम आदमी भी यह समझता है कि इस प्रकार शासकीय बिल्डिंग पर पान मसाला तंबाकू गुटका का प्रचार नैतिक मूल्य और युवा पीढ़ी के लिए गलत संदेश देता है पर यह शहडोल नगर पालिका है यहां कानून नगर पालिका की नियमावली से भिन्न है, इंदौर की तर्ज पर शहडोल में भी जांच की जाए तो बड़े-बड़े फ्लेक्सी माफिया जो बड़े संगठनों में अपनी कॉलर ऊंची करके घूमते हैं उन पर और उन पर मेहरबान तथाकथित वर्षों से पदस्थ अधिकारियों पर कार्यवाही की गाज गिर सकती है। लेकिन फ्लेक्सी माफिया के कुछ रिश्तेदार राजधानी में मौजूद हैं जिनकी सिफारिश की वजह से कथित फ्लेक्सी माफिया पर कार्यवाही नहीं हो पाती, हालांकि शहडोल में बीते दिनों आनन-फानन में रीवा के एक व्यक्ति को शहडोल में प्रचार-प्रसार हेतु जेनेटरी  का कार्य सौंपा गया था तो वहीं इस मामले में स्थानीय स्तर पर गठबंधन की चर्चा भी गर्म हुई थी। हालांकि यह सब कहने सुनने की बातें हैं वर्तमान का मामला जो है वह कुछ अलग है शहडोल के ह्रदयस्थली जय स्तंभ चौराहे में जिसके 100 मीटर की दूरी पर दो शहडोल के बड़े विद्यालय हैं एक रीवा रॉड में तो एक गढ़ी रॉड में जहां 10वीं 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कंडक्ट कराई जा रही है ऐसे में परीक्षा देकर अपने कॉलेज लाइफ में प्रवेश करने वाला छात्र जयस्तंभ में  रेन बसेरा के ऊपर लगी बिल्डिंग में हो रही राजश्री की ब्रांडिंग देखकर निश्चित तौर पर 100 में से 70 युवा तो राजश्री को अपनी पहली पसंद बना ही लेंगे, जिसका पूरा श्रेय नगर पालिका सीएमओ अमित तिवारी को जाता है प्रतीत हो रहा है कि राजश्री गुटका नगर पालिका सीएमओ अमित तिवारी के बीच पहली पसंद है यही कारण है कि 56 विभाग के कार्यालय जहां मौजूद है उस  कलेक्ट्रेट के सामने नगर पालिका सीएमओ द्वारा होर्डिंग लगवाई गई है या फिर हार्डिंग लगवाने की परमिशन दी है। खैर इस संबंध में जब साहब से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो साहब का फोन पहले तो उठा नहीं फिर वेटिंग जाने के बाद भी साहब ने फोन का जवाब देना जरूरी नहीं समझा, अब सवाल यह उठता है कि युवा पीढ़ी इस राजश्री की ब्रांडिंग से अगर राजश्री को अपना पैशन बनाती है राजश्री की वजह से किसी को कैंसर होता है तो उसके जिम्मेदार नगर पालिका सीएमओ अमित तिवारी होंगे या फिर फ्लेक्सी लगवाने वाला तथाकथित ठेकेदार...!

गड्ढे में नशा मुक्ति अभियान
जिला प्रशासन द्वारा कड़े निर्देश जारी किए जाते हैं स्वास्थ विभाग के अमले द्वारा स्कूलों के इर्द-गिर्द टपरे जो कि गरीब व्यापारी अपने बच्चों का पेट भरने के लिए संचालित करते हैं उन पर कार्यवाही करके सस्ती लोकप्रियता बटोरी जाती है। लेकिन जब शहडोल में 2 साल बाद स्कूलों का संचालन हुआ है तत्पश्चात  शत प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में भागीदार बनने सेंटर तक जा रहे हैं इस दौरान एग्जाम टाइम को गोल्डन पीरियड बनाकर राजश्री को जय स्तंभ चौक पर ब्रांड बनाकर पेश करना कहीं ना कहीं प्रशासनिक अधिकारियों को मुंह  चिढ़ाता  हुआ प्रतीत हो रहा है। सवाल यह भी है कि इसी मुख्य मार्ग से मातृशक्ति कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद,आईएएस एडीएम अर्पित वर्मा, खाद्य अधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गुजरते हैं, हालांकि शहडोल संभाग आयुक्त इन दिनों कोविड-19  संक्रमित है अन्यथा वे अगर इस रास्ते से निकलते तो शायद तंबाकू मध्यपान को बढ़ावा देने वाली  यह हार्डिंग अब तक हट चुकी होती। 

इनका कहना है
जानकारी आप के माध्यम से संज्ञान में आई है, हम अपने स्तर पर दिखवाते हैं।
आर पी  सोनी 
संयुक्त संचालक नगरी प्रशासन शहडोल

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