रात के अंधेरे में लोड होती है डग्गी, बुढार पुलिस और खनिज विभाग की मूक सहमति की चर्चा
शहडोल : नया ठेका होने के बावजूद भी रेत माफियाओं की हौसले बुलंद है जिसका कारण कहीं ना कहीं प्रशासनिक चूक अथवा मिली भगत प्रतीत हो रही है शहडोल जिले के बुढार थाना क्षेत्र अंतर्गत लालपुर के झांकी घाट सोन नदी से प्रतिदिन लगभग आधा सैकड़ा लेबर लगाकर रेत का उत्खनन कराया जाता है बाद उसके रात के अंधेरे में इसी रेत को कभी जेसीबी से तो कभी लेबर के माध्यम से मैन्युअल लोडिंग कर कर बुढार और शहडोल मुख्यालय में बेची जाती है, बताया जाता है कि एक लंबे अरसे से यह है अवैध रेत का कारोबार लालपुर से जारी है, सूत्रों के अनुसार अवैध रेत का यह कारोबार बुढार के आशीष नामक खाखीधारी के संरक्षण में गुलजार होना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं इस अवैध कारण में मुख्यालय खनिज विभाग के एक निरीक्षक की भी सहपरिश्ती की चर्चा आम है।
दिन में उत्खनन रात में परिवहन
सूत्रों की माने तो कथित माफिया बंधुओं द्वारा दिन के उजाले में दो सुपरवाइजर तैनात करके रेत का उत्खनन मैन्युअल मजदूरों के माध्यम से कराया जाता है मजदूर की संख्या प्रतिदिन 50 से 60 के बीच आकी जाती है, जिनका काम होता है पानी के अंदर से रेत को उत्खनन कर नदी के किनारे में एक स्थान पर डंप करना प्रतिदिन लगभग 8 से 10 डग्गी रेत का उत्खनन किया जाता है, तो वही रात में धड़ल्ले से उल्लेखित झांकी घाट में मिनी ट्रक डग्गी उतार कर रेत लोड करी जाती है और बुढार एवं शहडोल के आसपास के क्षेत्र में कई गुना दाम पर रेत बेची जाती है। वही 8 से 10 तक की रेट का जो आंकड़ा है वह लगभग 15 दिन पूर्व प्रतिदिन 25 से 35 डग्गी का था जो कि वर्तमान में वैध खदानें चालू होने से ऑर्डर में आई कमी की वजह से कम हुआ है ।
माफियाओं के हौसले बुलन्द
सूत्रों की माने तो स्थानीय स्तर पर मैनेजमेंट और गठजोड़कर माफियाओं द्वारा रेत का अवैध उत्खनन कराया जा रहा है जिसमें लालपुर के शैलू और पिंकू नामक दो चचेरे भाइयों का नाम सुर्खियों में है, सूत्रों की माने तो बीते कई मन से इसी प्रकार से कथित माफिया बंधु स्थानीय स्तर पर मैनेजमेंट कर दिन में उत्खनन रात में परिवहन की तर्ज पर अवैध उत्खनन को अंजाम दे रहे हैं जिसमें सैकड़ो गाड़ियां रेत चोरी कर बेची गई है जिससे प्रशासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है । बताया यह भी जाता है कि कथित माफियाओं द्वारा प्रति डिग्गी की दर्ज पर कथित आशीष व अन्य को लिफाफा पहुचाया जाता है ।
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