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खबर से बौखलाया भूमाफिया, मुकदमे में फंसाने की दी धमकी, कब टूटेगी राजस्व विभाग की नीदं

मामला सोहागपुर के पोंगरी में अमित सिंघानिया की अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर प्रकाशित समाचार का

 शहडोल जिला मुख्यालय में लगभग आधा सैकड़ा अवैध प्लाटिंग है जिनकी सूची भी तत्कालीन कलेक्टर द्वारा बनाई गई थी जिस पर राजस्व विभाग के मैदानी अमले को भी नोटिस जारी की गई थी लेकिन समय के साथ जांच ठंडे बस्ती के हवाले कर दी और वर्तमान में भूमाफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद हैं की शिकायत के आधार पर प्रकाशित समाचार से नाराज कथित भूमिया को चौथे स्तंभ के प्रहरियों को भी धमकाने में गुरेज नहीं है जिससे एक बात तो प्रतीत है कि यदि पुलिस भय इन माफियाओं को ना हो तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं।

शहडोल। ‘‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’’ की तर्ज पर माफिया कलमकारों पर दबाव बनाने डराने धमकाने की कोशिश पर अब शहडोल में उतारू है जी हां मामला शहडोल जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पोंगरी में अवैध प्लाटिंग की कलेक्टर से हुई शिकायत का है, कलेक्टर से हुई शिकायत में बुढार निवासी अमित सिंघानिया एवं विकास सिंघानिया पर अवैध प्लाटिंग के आरोप लगे थे साथ ही धोखाधड़ी सहित अन्य पुराने मामलों का भी उल्लेख किया गया था जिस पर प्रमुखता से हमारी टीम द्वारा समाचार प्रकाशित किया गया जिस समाचार से बौखलाए कथित भूमिया अमित सिंघानिया द्वारा कलमकार को फोन लगाकर न सिर्फ अपनी भड़ास निकाली अपितु मनगढ़ंत आरोप भी लगाए। 



जाने क्या है पूरा मामला 

सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत पोंगरी में बुढार निवासी अमित सिंघानिया एवं उनके भाई विकास सिंघानिया द्वारा खसरा नंबर 6 एवं 7 में अवैध प्लाटिंग की शिकायत कलेक्टर शहडोल से की गई, जिले के कई समाचार पत्रों में उल्लिखित अवैध प्लाटिंग का मामला प्रकाशित किया गया इसी तारतम्य में हमारी टीम द्वारा भी समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, बताया गया कि ग्राम पंचायत पोंगरी में  कथित भूमिया बंधुओं द्वारा अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनी विकसित की जा रही है जो की रेरा एवं कॉलोनाइजर एक्ट के खिलाफ है एवं प्रशासन को राजस्व की हानि भी हो रही है यह एक दंडनीय अपराध है जिस पर दोषियों पर कार्यवाही होना आवश्यक है, तो वहीं मैदानी राजस्व अमले की भी मामले में मिली भगत प्रतीत हो रही  है का भी समाचार प्रकाशित किया गया था।

मुकदमे में फंसाने की दी धमकी

अखबार का डिजिटल एडिशन नियमित प्रक्रिया के तहत सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक आदि में वायरल किया जाता है जब यह खबर कथित आरोपी भू माफिया अमित सिंघानिया तक पहुंची तो खबर पढ़कर सिंघानिया जी अपने आपे से बाहर हो गए और उन्होंने कलमकार को फोन लगाकर पहले तो समाचार को गलत ठहराया फिर साहब का गुस्सा उन पर इस कदर हावी था कि उन्होंने मनगढ़ंत आरोप लगाने शुरू कर दिए बात उसके बाद भी नहीं बनी तो उन्होंने 8 से 10 मुकदमे कराने की धमकी दे डाली, फिर भी बात नहीं बनी जब पत्रकार पर साहब  का जोर नहीं चला तो माफिया ने यह धमकी भी दे डाली कि मैं 1 घंटे में शहडोल पहुंच रहा हूं तुमसे मिलता हूं फिर बताता हूं..!! खैर सब का गुस्सा जायज भी है जो अवैध प्लाटिंग का काम चोरी छुपे हुए कई वर्षों से कर रहे हैं उसका इस प्रकार से अखबार  में आना तो गुस्सा तो लाजमी है लेकिन उल्लिखित समाचार में कथित भूमाफिया ने ही अपना वर्जन दिया था कि आरोप निराधार है और उनका पक्ष भी लिखा गया था। फिर भी उनका गुस्सा कहीं ना कहीं यह दिखा रहा है कि गुस्सा और धमकी महज मीडिया पर दबाव बनाने का प्रयास हैं।

जांच से खुलेगा पुराना इतिहास

शिकायत में बताया गया था कि पूर्व में भी बुढार के आसपास के क्षेत्र में कई अवैध प्लाटिंग को कथित भूमाफिया द्वारा अंजाम दिया गया इसके अलावा जमीन कब्जे सहित फर्जी रजिस्ट्री व अन्य मामलों की शिकायतें भी थाने में लंबित हैं, जिसे नोटों के दम पर कथित भूमाफिया द्वारा दबाना बताया जाता है, वहीं सूत्रों की माने तो गोविंद नामक व्यक्ति को आगे करके बुढार अमलाई व अन्य क्षेत्रों में कई अवैध प्लाटिंग को कथित भूमाफिया द्वारा अंजाम दिया गया है इसके अलावा थाना प्रभारी समीर वारसी के कार्यकाल में अमलाई  थाने में फर्जी रजिस्ट्री की शिकायत भी कथित भूमाफिया के खिलाफ दर्ज हुई थी जो ठंडे बस्ते में हैं इसके अलावा बुढार के सराई कापा रोड में भी जमीन अतिक्रमण गाली गलौज मारपीट की शिकायत राजेश मिश्रा थाना प्रभारी बुढार के कार्यकाल में दर्ज हुई थी इसके अलावा अन्य कई शिकायतें भी विभिन्न स्थानों में लंबित है जिसकी जांच व कार्यवाही अब तक शेष है सूत्रों की माने तो कथित भूमिया जुगाड़ जमा कर धीरे-धीरे अपनी लंबित शिकायतों को नास्ति करवाने के प्रयास में भी जुटा है इसके अलावा बताया यह भी जाता है कि नगर परिषद में ठेके के नाम पर अवैध प्लाटिंग से कमाई गई संपत्ति को काले से सफेद करने के प्रयास में भी माफिया जुटा हुआ है तो वहीं ठेके की सप्लाई ,कार्य की गुणवत्ता व अन्य मानको की जांच से भी कई खुलासे हो सकते हैं।

क्या चौथा स्तंभ नहीं सुरक्षित 

पत्रकारों को धमकाने डराने  का मामला तो अब आम हो चला है हालांकि प्रदेश सरकार और भारत सरकार ने पत्रकारों के सुरक्षार्थ कई कानून और निर्देश जारी किए हैं, जसमे पत्रकारों की मामले की जांच व खात्मा पुलिस कप्तान लेवल पर, समाचार प्रकाशन के बाद शिकायत को दुर्भावना से प्रेरित की श्रेणी में रखना सहित अन्य, बावजूद इसके माफिया के हौसले इस कदर बुलंद है कि वे पत्रकारों को मुकदमे में फसाने की धमकी दे रहे हैं प्रतीत होता है कि माफिया जिस प्रकार से स्थानीय राजस्व अमले से मिली भगत कर अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं इस प्रकार उन्होंने पुलिस के प्रति भी अपनी सोच बना ली है कि पैसा है तो वह किसी पत्रकार पर भी झूठा मुकदमा दर्ज करा  सकते हैं, खैर यह सोंचना  लाजमी इसलिए है कि पूर्व की कई शिकायतें जो भूमाफियाओं के खिलाफ हैं वे स्थानीय थानों में धूल खा रही हैं जिससे कहीं ना कहीं माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

इनका कहना है

जानकारी आपके माध्यम से संज्ञान में आई है आप षिकायत और रिकार्डिंग हमे प्रेषित करे जांच करा कर उचित कार्यवाही की जायेगी। मीडिया पर दबाव बनाना अथवा धमकाना सर्वथा अनुचित है।

राघवेंद्र द्विवेदी

नगर पुलिस अधीक्षक, शहडोल


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