घोड़े बेच के सो रहे थे जंगल के पहरेदार, जब कोर जोन में हो रहा था बाघों का शिकार
वन मंत्री दिलीप अहिरवार.... आपके राज में कोर जोन में दो बाघों का हुआ शिकार
वन एवं राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार आपके राज में हो रहा जंगल के राजा का शिकार कहने को तो लगभग पार्क प्रबंधन बांधवगढ़ के पास तीन सैकड़ा बल है लेकिन संरक्षित कोर जोर जहां मानव हस्ताक्षेप पूर्णतः प्रतिबंधित है वहां एक वर्ष मंे दो बाघो का शिकार हो जाता है और पार्क प्रबंधन फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा और उनके अधिनस्त सैकड़ो कर्मचारियों को इसकी भनक भी नहीं लगती जो कि परिचायक है प्रबंधन के कार्य कुशलता में असफलता का। संरक्षित कोर जोर में बाघ का शिकार और प्रबंधन की लापरवाही ने कहीं न कहीं आपके कुशल वन राज्य मंत्री होने पर भी सवाल खड़ा कर दिया है सवाल यह भी है कि प्रबंधन के दोषी अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्यवाही कब होगी क्या लापरवाह अधिकारियों को मंत्रालय से संरक्षण प्राप्त है।
शहडोल/उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के संरक्षित जंगल में जंगल का राजा सुरक्षित नही ंतो फिर केन्द्र और राज्य सरकार के बाघ संरक्षण के बड़े-बड़े दावे धरातल पर शून्य प्रतीत होते है चंद शिकारी जंगल के संरक्षित कोर जोन में घुसते है जाल बिछाते है घात लगाते है और बाघों का शिकार करते है शिकार के बाद अवशेषो को ठिकाने लगाया जाता है बाद उसके कीमती अवशेष बजार में बिकने लगते है अब तक सो रहे प्रबंधन के अधिकारी अब नींद से जागते है और शिकारियों को पकड़कर जमकर अपनी पीठ थपथपाते है चहेतों से गुड़गान लिखाये जाते है और कतरन वरिष्टो तक पहुंचाये जाते है लेकिन सवाल मात्र एक कि बाघो के शिकार के लिये आखिर कौन जिम्मेदार किसकी लापरवाही अथवा मिली भगत से एक वर्षो से संरक्षित कोर जोन में शिकार हो रहा था।
अब तक सात शिकारी गिरफ्तार
प्राप्त जानकारी के अनुसार उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघ के शिकार के मामले में गुरुवार रात दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक पांच दिनों में कुल सात आरोपी पकड़े जा चुके हैं। टाइगर रिजर्व की टीम ने आरोपियों से 13 नाखून, दो निचले जबड़े के केनाइन दांत और कई सामान्य दांत बरामद किए हैं। मामला 26 जुलाई को सामने आया जब टाइगर रिजर्व की टीम को बाघ के नाखून और दांत की जानकारी मिली। इसके बाद रोहनिया गांव में हरदुल बैगा के घर पर छापेमारी की गई। वहां से 13 नाखून, दो केनाइन दांत और छह सामान्य दांत जब्त किए गए। हरदुल से पूछताछ के बाद ओमप्रकाश सिंह और रामकृपाल सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान आरोपियों ने बताया कि बाघ का शिकार करने के बाद उन्होंने उसके शव को काटकर कोर एरिया के बोर में डाल दिया था। टाइगर रिजर्व की टीम ने वहां से बाघ के अवशेष भी बरामद किए हैं। अवशेष की जांच के लिए सैंपल लैब भेजे गए हैं। जांच में मगधी परिक्षेत्र के अधिकारी भी शामिल हुए और दशरथ वैदिक और राम भवन सिंह को गिरफ्तार किया। गुरुवार को धमोखर परिक्षेत्र की टीम ने चेतराम अगरिया (27) और प्रभु बैगा (34) को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों रोहनिया गांव के निवासी हैं।
कोर जोन में बाघो का शिकार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का कोर जोन जहां टाइगर सफारी के अलावा मानव हस्ताक्षेप लगभग शून्य होता है ऐसे स्थान पर न सिर्फ घात लगाकर एक वर्ष के भीतर दो बाघो का शिकार हुआ अपितु कीमती अवशेष निकालने के बाद शिकारियों ने धड़ल्ले से बचे हुए अवशेष कोर जोन के एक कुंए में डाल दिये जिससे एक बात यह तो स्पष्ट है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बाघ सुरक्षित नहीं है संरक्षित जोन में शिकारियों का मूवमेन्ट लगातार बना रहता है यही कारण है की इतनी आसानी से शिकारी बाघ को शिकार बना लेते है और जिम्मेदार और पहरेदार गहरी निद्रा में सोए रहते है फिर भले ही वन विभाग भारत सरकार और एनटीसीए दिन रात बाघ संरक्षण की पीपड़ी क्यो न बजाता रहे।
सवालों के घेरे में पार्क प्रबंधन
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर जोन में बाघ के शिकार ने पार्क प्रबंधन की कार्यशैली पर सवालिया निसान खड़े कर दिए है फील्ड डायरेक्टर अनुपम सहाय और डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा की कार्यकुशलता पर न सिर्फ सवाल खड़े हो रहे है अपितु मिली भगत के आरोप भी लग रहे है तो वहीं चर्चा यह भी है बाघो के शिकार के पीछे अतराष्ट्रीय षड़यत्र और शिकारियों के राष्ट्रीय स्तर के गिरोह सक्रीय होने की भी है गौरतलब है कि पूर्व में मंत्रायल द्वारा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व बाघो की मौत के मामले में फिल्ड डायरेक्टरो को पोस्टमार्टम न किये जाने को लेकर जबाब तलब किया था इसके अलावा अंतराष्ट्रीय फंडिग के संदेह लगातार बाघो के मौत के आंकड़े को लेकर जन्में थे।
इनका कहना है
बाघो के शिकार के मामले में अब तक सात शिकारियों को गिरफ्तार किया गया है षिकार कोर और बफर की सीमा पर हुआ है लापरवाही के लिये उत्तरदायी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जायेगी मामले की जांच अभी जारी है।
पीके वर्मा
डिप्टी डायरेक्टर, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व
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