Ticker

6/recent/ticker-posts

ओपीएम और सोडा फैक्ट्री आने वाले ड्राइवर नहीं सुरक्षित..?? जांच के लिए नहीं कोई पहल या पत्राचार

 



ट्रक का टूटा शीशा, शरीर पर मारपीट निशान,टीटू अभिषेक को छोड़, मामला ठंडा करने के प्रयास में जुटी चचाई पुलिस..!!



 चार दिन बीत चुके हैं पुलिस अब तक बलराज की मौत की मिस्ट्री सुलझा नहीं पाई है, दूसरी ओर सोडा फैक्ट्री प्रबंधन है कि इतने आरोपो के बाद भी फैक्ट्री आए ड्राइवर के मौत मामले में किसी प्रकार की जांच व कार्यवाही की मांग फैक्ट्री प्रबंधन ने नहीं रखी...!! जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोडा फैक्ट्री में आने वाले ड्राइवर कितने सुरक्षित हैं तो वही सोडा फैक्ट्री जी एम  भी मानो सवालों से बचते नजर आ रहे हैं। कम शब्दों में कहा यह भी जा सकता है कि इस पूरे मामले में सोडा फैक्ट्री प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। पहले तो यह समुचित पार्किंग की व्यवस्था प्रबंधन ने नहीं की दूसरा मारपीट जैसी स्थिति आए दिन निर्मित होती रही और प्रबंधन गहरी नींद में सोता रहा।



शहडोल : बलराज मौत मामले में चौथे दिन भी पुलिस के हाथ खाली रहे प्रतीत होता है भूरा सेठ के रंगीन कागजों का जोर स्थानीय पुलिस पर भरपूर चला है, संगीन आरोप, मारपीट के निशान, अस्पताल के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन, आनन- फानन में पार्किंग के सामने लगे बंगले से सीसीटीवी निकलवाना, सोडा फैक्ट्री प्रबंधन की सीसीटीवी फुटेज क्लियर ना होना, प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के बाद भी चचाई पुलिस के हाथ चौथे दिन भी खाली से यह तो बात स्पष्ट प्रतीत हो रही है कि वर्दीधारी ने अपनी वर्दी भूरा सेठ के गोदाम में टांग दी है, आलम यह है कि चचाई  थाने में कोई फोन उठाने को भी तैयार नहीं।



टीटू का नाम भी आया सामने 

मामले से जुड़े सूत्र  बताते हैं कि देर रात विवाद की शुरुआत शराब के नशे में धुत्त रसूखदार पूंजीपति टीटू ने की थी विवाद शराब के नशे में इस कदर बढ़ गया की कथित अभिषेक के साथ मारपीट होता देख टीटू ने टाई लीवर उठाकर कथित मृतक चालक के सर पर दे मारा  जिससे उसके सर पर गहरी चोट आई और ब्रेन हेमरेज क्लाट होने की वजह से ट्रक चालक बलराज को बार-बार उल्टियां होने लगी मामले को गंभीरता से लेते हुए देर रात उसे अस्पताल भर्ती कराया गया और आनंद-फानन में टीटू और उसके सहयोगियों को बचाने के लिए सामने बंगले पर लगे कैमरे जड़ से उखाड़ दिए गए। 

फैक्ट्री प्रबंधन की क्या है भूमिका 

नैतिकता के अनुसार तो सोडा फैक्ट्री जीएम अविनाश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनके ही कार्यकाल में फैक्ट्री में भोपाल गैस कांड त्रासदी जैसी घटना होते-होते बची, बाद इसके हजार  किलोमीटर दूर बिहार के वैशाली से आए ट्रक चालक को सोडा फैक्ट्री प्रबंधन सुरक्षा मुहैया नहीं कर पाया, सोडा फैक्ट्री प्रबंधन ने यदि कैंपस के अंदर पार्किंग की और ट्रक चालकों की खाने बैठने की व्यवस्था समुचित की होती तो शायद यह जो आरोप लग रहे हैं यह ना लगता, पर कहावत पुरानी है बंद कमरे में ऐसी के मजा लेने वाले अधिकारी आम आदमी के दर्द को क्या समझेंगे, जैसा कि ट्रक चालकों ने बताया कि पूर्व में भी पार्किंग को लेकर उनसे मारपीट झूमा झटकी हो चुकी है, उसे पर भी जीएम अविनाश कुमार और सिक्योरिटी हेड ने संज्ञान नहीं लिया। हद तो तब हो गई कितने आरोप के बाद भी मामले के निष्पक्ष जांच और कार्यवाही के लिए फैक्ट्री प्रबंधन ने कोई पत्राचार या आवाज उठाना भी मुनासिफ नहीं समझा।



पीएम रिपोर्ट भी संदेहों के घेरे में 

इस पूरे मामले में बलराज को मुहैया कराई गई चिकित्सा और चिकित्सा रिपोर्ट व पीएम रिपोर्ट भी अब संदेह के घेरे में बताई जा रही है चर्चा के अनुसार कि जहां बलराज के शरीर में मारपीट के गंभीर निशान बताये जा रहे थे वहीं दूसरी ओर कथित डॉक्टर जिनका सीधा संबंध बरगवां नगर पंचायत से है के द्वारा मामले को रफा दफा करने के उद्देश्य से सिर्फ उल्टी दस्त की बात ही कहीं जा रही थी अपितु मीडिया के सवाल की शरीर पर मारपीट के निशान को साफ तौर पर नकारने का बार-बार प्रयास किया जा रहा था। जन चर्चा तो यह भी है कि कथित डॉक्टर की धर्मपत्नी का बरगवा परिषद से प्रत्यक्ष कनेक्शन है  यही कारण है कि वह अध्यक्ष के भतीजे को बचाने का प्रयास कर रहे थे। खैर इन जन चर्चाओं की सत्यता की पुष्टि हम नहीं करते।

इनका कहना है 

देर रात मृतक ट्रक चालक बलराज की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी जिस पर प्रबंधन ने एंबुलेंस मुहैया कराया था, ट्रक जहां खड़ा था वह गेट से दूर की जगह है वहां तक कैमरा नहीं पहुंचता है, अगर हम कैमरा लगवाएंगे तो भी सामने घर वाले आपत्ति कर सकते हैं, जांच में सहयोग किया जा रहा है किसी प्रकार की जांच और कार्यवाही हेतु  पत्राचार नहीं किया गया है।गेट के अंदर जो ट्रक रहते हैं उनकी सुरक्षा जिम्मेदारी हमारी होती है। 

रवि शर्मा 

सिक्योरिटी हेड, ओपीएम एवं सोडा फैक्ट्री 


(इस संबंध में जानकारी के लिए सोडा फैक्ट्री जी एम अविनाश कुमार से दूरभाष में संपर्क साधागया तो किसी महिला ने फोन उठा कर कहा कि उनसे बात नहीं हो पाएगी वह अस्पताल में हैं) 


(घटना के चौथे दिन थाना प्रभारी वीरेंद्र बरकड़े को शनिवार की सुबह एक बार और शाम दो बार दूरभाष में संपर्क साधने का प्रयास किया गया लेकिन साहब  का फोन नहीं उठा) 


 शेष:  पार्ट 6...

Post a Comment

0 Comments