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करोड़ों की रोटी मेकर मशीन खरीदी में भ्रष्टाचार की बू... ब्लैकलिस्टेस्ट कंपनी की मशीन का डेमोस्ट्रेशन



शहडोल में ब्लैकलिस्टेड कंपनी की 'खिचड़ी'! जनजाति कार्य विभाग की टेंडर प्रक्रिया पर 'दाग'


ट्राइबल विभाग शहडोल में बड़े भ्रष्टाचार की आहट! ब्लैकलिस्टेड कंपनी को टेंडर देने की तैयारी


 शहडोल के जनजातीय कार्य विभाग में एक बड़े भ्रष्टाचार की सुग्गुगाहट सामने आई है जो रोटी मेकर मशीन की खरीद से जुड़ा है। जिस 'सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी को तकनीकी रूप से योग्य घोषित करने की तैयारी है,अथवा यह कहा जाए की  उस पर पहले ही गुजरात, एयरपोर्ट अथॉरिटी और मध्य प्रदेश के बैतूल कलेक्टर कार्यालय द्वारा प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा चुकी है। वर्तमान में विभाग द्वारा इसी कंपनी की मशीन का डेमो लिया जा रहा है, जो कई गंभीर सवालों को जन्म दे रहा है। बताया जाता है कि यह कंपनी पुराने रिकॉर्ड छिपाकर अब शहडोल जिले को निशाना बनाने को उतारू है। जबलपुर में भी इस कंपनी के खिलाफ कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू होने की बात सामने आई है। अब यह देखना होगा कि क्या बच्चों के लिए जरूरी रोटी मेकर मशीन की खरीद भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।


शहडोल (मध्य प्रदेश): शहडोल के जनजाति कार्य विभाग की निविदा प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग द्वारा बुधवार को  जिस "सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" कंपनी की मशीन का डेमो लिया जा रहा है, वह पहले ही दो बड़े सरकारी संस्थानों द्वारा ब्लैकलिस्टेड है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब मीडिया द्वारा इस कंपनी के पूर्व रिकॉर्ड की जानकारी विभाग को दी जा चुकी है, तब भी विभाग एक कथित ब्लैकलिस्टेड कंपनी में रुचि क्यों दिखा रहा है? जब पूरी पारदर्शिता की मांग है, तब एक दागदार कंपनी को शहडोल में सरकारी काम देने की इतनी जल्दी क्यों है?

तो क्या नाम बदलकर छिपाये पुराने गुनाह?? 

बताया जाता है की  फर्म "सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" की कारगुजारियाँ छिपी नहीं हैं। बताया जाता है कि यह फर्म पहले "एच.टी. लोधी एंड एसोसिएट्स" के रूप में काम करती थी, जिसने बाद में नाम बदलकर सोहम इम्पेक्स का चोला पहन लिया। नाम बदलने के पीछे का इरादा पुराने गुनाहों को छिपाना और नए विभागों को चूना लगाना प्रतीत होता है। इस फर्म को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया है, और गुजरात राज्य सड़क परिवहन निगम ने भी सितंबर 2023 से इसे पूरी तरह ब्लैकलिस्ट किया हुआ है।

बैतूल में हुई थी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही

कार्यालय कलेक्टर बैतूल द्वारा जारी आदेश क्रमांक प्रमांक/स्टोर/2025/6196 के अनुसार, फर्म "सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" को बैतूल जिले की निविदाओं में भाग लेने हेतु एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया है। यह प्रतिबंध स्वयं ऑटोमेटिक रोटी मेकर मशीन की खरीदी से संबंधित है। तकनीकी समिति के परीक्षण उपरांत यह पाया गया कि प्रस्तुत रोटी मेकर मशीन कॉम्पेक्ट डिजाईन कंवेयर बेल्ट युक्त होना नहीं पाई गई, जबकि यह आवश्यक विनिर्देश था। इस आधार पर फर्म को बैतूल जिले की निविदाओं में भाग लेने हेतु एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया।

सेमी ऑटोमेटिक रोटी मेकर मशीन के यह है कायदे

जनजातीय कार्य विभाग, बैतूल द्वारा खरीदी जा रही सेमी-ऑटोमेटिक रोटी मेकर मशीन के लिए कड़े नियम और विनिर्देश निर्धारित किए गए थे। इन विनिर्देशों के अनुसार, मशीन का प्रकार सेमी-ऑटोमेटिक रोटी/चपाती मेकिंग मशीन होना चाहिए, जिसकी उत्पादन क्षमता 1000 रोटी/चपाती प्रति घंटा हो। इसका मटेरियल फ़ूड ग्रेड स्टेनलेस स्टील को प्राथमिकता होना चाहिए। मशीन 220 V - 240 V वोल्टेज पर सिंगल फेज में चलनी चाहिए, जिसकी बिजली की खपत 2 kW से 4 kW के बीच हो। रोटी का आकार 4 इंच से 6 इंच व्यास तक और मोटाई 1 मिमी से 2 मिमी तक समायोजित की जा सके। मशीन में एलपीजी आधारित हीटिंग मैकेनिज्म के साथ ऑटोमेटिक तापमान नियंत्रण और लौ संरक्षण प्रणाली होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण, मशीन का डिज़ाइन कॉम्पेक्ट होना चाहिए और उसमें बेल्ट कन्वेयर सिस्टम होना अनिवार्य था।

कई सवाल ले रहे जन्म 

यह सिर्फ डेमोंस्ट्रेशन का मामला नहीं है, बल्कि यह जनता के पैसे को लूटने की साज़िश का मामला हो सकता है। जन चर्चा के अनुसार, कथित कंपनी डेमोंस्ट्रेशन के दौरान उच्च क्षमता वाली मशीन दिखाती है, लेकिन अधिकारियों से सांठगांठ करके 1000 रोटी/घंटा की जगह केवल 600 रोटी/घंटा बनाने वाली सस्ती और निम्न गुणवत्ता की मशीन सप्लाई करती है। ऐसे मामलों में, जब वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच होती है, तब भ्रष्टाचार का 'ढोल का पोल' खुल जाता है और कंपनी पर कार्रवाई होती है। जब कंपनी का रिकॉर्ड इतना दागदार है, तो शहडोल के अधिकारियों ने आँखें क्यों मूंद लीं? मांग की जा रही है कि "सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड" को तत्काल प्रभाव से शहडोल प्रक्रिया से बाहर किया जाए और जिस अधिकारी या समिति ने इस फर्म को डेमो के लिए भी चुना है, उनकी भूमिका की गहन जाँच हो।

इनका कहना है

सोहम इम्पेक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की मशीन का डेमोंस्ट्रेशन लिया जाएगा और उसके बाद ही टेंडर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। कंपनी के पूर्व रिकॉर्ड  की जानकारी आपके माध्यम से प्राप्त हुई है  पुष्टि के लिए अन्य जिलों से भी विस्तृत रिपोर्ट मंगा ली जाएगी। 

आनंद राय सिन्हा 

सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग शहडोल

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