Ticker

6/recent/ticker-posts

तो लो भैया साहब को आ ही गया शहडोल रास....


शहडोल (कोबरा -टेढ़ी बात ) : अब बोलूंगा तो बोलोगे कि बोलता है लेकिन थोड़ा बोलने और पोल खोलने मैं हर्ज ही क्या है शनिवार का दिन, साहब की दिन भर की थकान, रविवार को रहेगी छुट्टी फिर क्या नए नवेले साहब चल दिये दादाभाई की ऐशगाह शाही दावत का मजा लूटने और भाई हमारी विराट नगरी है ही ऐसी की जो एक बार आये तो रंग में रंग जाए लेकिन इतने कम समय मे जरा ये बात हजम नही हुई... खैर मोटरसाइकिल वाले को चालीस लाख की गाड़ी में घूमने का मौका भले कोई ठुकराए भी तो क्यों ये बात अलग है कि कुछ ही दिनों पहले गाड़ी मालिक लाल साहब  के गुर्गो ने ही साहब की टीम पर पत्थर बरसाए थे । चलो जाने दो साहब की थकान और साहब की मर्जी बांकी सोन किनारे खुले आसमान के तले, रेत के पहाड़ के इर्द गिर्द शराब और कबाब का मजा ही कुछ और है लेकिन ... बात इतनी से है जो खटकती है कि जंहा पूरे टीम और बल के साथ जाने में खतरा है वँहा साहब बेगाने ही दान- दावत की लालच में पहुंच गए। वैसे भी लालसाहब की शाही मेहमान नवाजी के चर्चे  बाईपास से लेकर मुख्यालय तक किसी से छिपे नही और अब रही बात भंडारण की तो नापनी  तो साहब को ही है तो बड़ी मैडम से कैसा डर...बांकी कोबरा फीडबैक यही है की जचते है आप, दादा की  चालीस लाख की गाड़ी के फ्रंट सीट पर.....और कहा सुनी माफी अभी के लिए इतना काफी , रात बांकी बात बांकी ।
digital advertisement..

यह भी पढ़े....



Post a Comment

0 Comments